नोटबंदी से मंदी के संकेत कार कंपनियां संकट में, मिल रहा है दिवाली से भई ज्यादा डिस्काउंट

नई दिल्ली: नोटबंदी का असर ऑटो सेक्टर के रोजगार पर तो पहले ही पड़ने लगा था. हमने पहले ही बता दिया था कि कार उद्योग में लोगों को जबरन छुट्टी पर भेजा जा रहा है और उत्पादन 60 फीसदी तक कम हो गया है. अब कंपनियों के पास बड़ी समस्या अब तक बन चुकी कारों को ठिकाने लगाने की खड़ी हो गई है. हालत ये हैं कि हमेशा अकड़ी रहने वाली कार कंपनियां अब मोटा डिस्काउंट देकर अपना माल बेच रही हैं. हालत ये है कि दिसंबर में कारों का मॉडल बदला जाना है और 2016 मॉडल की कारें अभीतक बिकी नहीं है. अब 2017 में 2016 मॉडल की कार कौन खरीदेगा.

गाड़ी की खरीद पर इस समय कई मेट्रो शहरों में लगभग 10% से 15% तक की छूट मिल रही है. आम तौर पर दिवाली या बड़े त्योहारों के मौके पर कंपनियां 7-9% तक की छूट देती है. मारुति सुजुकी की पेट्रोल वेरिएंट सेलेरियो पर 19 से 20 हजार रुपये तक की छूट दी जा रही है जो कि दिवाली के समय 12 हजार रुपये तक की थी. वहीं स्विफ्ट पर 15 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है जो कुछ महीने पहले 6 से 9 हजार रुपये तक का था. इसके अलावा डिजायर कार पर भी 10 हजार रुपये तक की छूट दी जा रही है.

अकेले मारुति सुजुकी नहीं है जो गाड़ियों की सेल बढ़ाने की कोशिश में भारी छूट दे रही है. हुंडाई ने भी अच्छे डिस्काउंट्स ऑफर किए हैं. हुंडाई की ग्रैंड- i10 पर कई जगहों पर लगभग 50 हजार रुपये तक की छूट दी जा रही है. त्योहारों के मौके पर यह छूट सिर्फ 10 से 15 हजार रुपये तक की थी. हुंडाई की अक्टूबर महीने में 50 हजार गाड़ियों की रिकॉर्ड सेल हुई थी. नया साल आने में ज्यादा समय नहीं बचा है इसलिए कंपनियां अपने स्टॉक को जल्दी निकालने की कोशिश में जुटी हैं. 2016 में हुंडाई ने 5 लाख गाड़ियां मैनुफैक्चर की थी. इनमें से 4,60,000 गाड़ियां बिक चुकी हैं. कंपनी अब बाकी की बची गाड़ियों को जल्दी निकालने की कोशिश में लगी है.

हुंडाई के एक सीनियर एक्सिक्युटिव ने बताया कि नोटबंदी के बाद ग्राहकों का शो रूम पर आना कम हो गया है लेकिन हमें जल्द सुधार होने की उम्मीद है. कुछ एक्सपर्ट्स का दावा है कि नोटबंदी के बाद कुछ कार डीलर्स की बिक्री में और उन डीलर्स की सेल्स में जो मुख्य रूप से गांव में अपना काम करते हैं, 70% से 80% तक की गिरावट दर्ज की गई है.