बीजेपी को भारी पड़ेगी ये पेशकश, एक स्टेट में हार और पक्की हो गई

नई दिल्ली: जोड़तोड़ उठापटक और सभी तरह के करप्शन में बीजेपी का कोई न कोई उदाहरण सामने आ रहा है. कल ही अमित शाह का जात के नाम पर गिड़गिड़ाने का ऑडियो आया था आज , मामला मणिपुर का है. बीजेपी ने उन्हें मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए 16 साल लंबा अनशन करने वाली इरोम शर्मिला को बदले 36 करोड़ रूपये का ऑफर दिया था.

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से इंटरव्यू में इरोम शर्मिला ने कहा कि ”भाजपा ने उनसे संपर्क करके चुनाव लड़ने के लिए कहा था. बीजेपी ने कहा था की इसके लिए आपको 36 करोड़ रूपये की जरूरत होगी”. इरोम का कहना है कि उन्होंने कहा ”मैं एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ूंगी, मैं अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना नही करती.” इसके बाद बीजेपी ने उनसे कहा कि पैसे ले लो और हमारे लिए चुनाव लड़ जाओ.

इरोम के इस आरोप पर बीजेपी के नेता राममाधव ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने एक ट्वीट कर कर कहा कि यह पूरी तरह झूठ है. इरोम अपने गृह क्षेत्र थौबल सीट से चुनाव लड़ने जा रही है. जो कि कांग्रेस नेता इबोबी सिंह का विधानसभा क्षेत्र भी है. थौबल इबोबी सिंह का गृह क्षेत्र है और वह उस जगह से पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं.

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ की फेसबुक पर टिप्पणीकौन हैं इरोम शर्मिला?

‘आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर इरोम का जन्म 14 मार्च 1972 में हुआ था.
इरोम मणिपुर से सशस्त्र बल विशेष अधिनियम 1958, जिसे सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से हाल तक भूख हड़ताल पर थीं.
इस भूख हड़ताल के तीसरे दिन सरकार ने इरोम शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं.
कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा ने भावुकता में उठाया है, लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई. आज वह 45 साल की हो चुकी हैं.
इरोम ने आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर्स एक्ट ‘अफस्पा’ AFSPA हटाए जाने की मांग को लेकर 2 नवंबर 2000 को अनशन शुरू किया था.
इरोम शर्मिला के अनशन शुरू करने से 10 दिन पहले ही कथित रूप से असम राइफल्स के सैनिकों ने 10 लोगों को गोलियों से मार डाला था, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे.
इरोम को कई साल तक नाक में डली ट्यूब के ज़रिये जबरन खिलाया जाता रहा.
उनके नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं. पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है.
2014 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का खिताब दिया था.
इरोम शर्मिला ने 1000 शब्दों में एक लंबी ‘बर्थ’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी.
यह कविता ‘आइरन इरोम टू जर्नी- व्हेयर द एबनार्मल इज नार्मल’ नामक एक किताब में छपी थी. इस कविता में उन्होंने अपने लंबे संघर्ष के बारे में बताया है.
साल 2014 में दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन करने के लिए उन पर साल 2013 में सुसाइड की कोशिश को लेकर ट्रायल चला था.
बाद में कोर्ट ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस बात के सबूत नहीं है कि उनका यह प्रदर्शन एक सुसाइड एक्ट है.