जांबाज़ी दिखाने के चक्कर में फंस गईं अल्का लांबा, आसमान पर अटकीं, बीजेपी वालों ने घेरा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की फायरब्रांड लीडर अल्का लांबा को जांबाजी दिखाना महंगा पड़ा. वो आग बुझा रही क्रेन पर चढ़ गई थीं ताकि पता लगाया जा सके कि कही मिलिट्री या दूसरी राहत की ज़रूरत तो नहीं लेकिन ये जांबाजी ही उनके लिए मुसीबत बन गई. अल्का लांबा जिस क्रेन पर चढी थीं वो खराब हो गई और वो आसमान में ही 1 घंटे तक फंसी रहीं.

हुआ ये कि सोमवार रात करीब 9 बजे चांदनी चौक के कटरा धुलिया बाजार में आग लग गई. आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया और एक के बाद एक करीब 100 से ज्यादा कपड़े की थोक दुकानें आग की चपेट में आ गईं. आग लगने वाली जगह बहुत पुरानी और संकरी गलियों में है. इसकी वजह से दमकल की गाड़ियां भी उस जगह तक मुश्किल से पहुंच सकीं. चूंकि इस इलाके के अधिकांश इलाकों में सिंथेटिक माल और लकड़ी का कारोबार होता है इसलिए आग भी बड़ी तेजी से फैली. व्यापारी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और अपना-अपना माल निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन व्यापारियों को स्थानीय विधायक अलका लांबा की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा.

अभी पुलिस और दमकलकर्मियों ने आग बुझाना शुरू ही किया था कि स्थानीय विधायक अलका लांबा मौके पर पहुंच गईं. आग से तबाही से वो घबड़ा गईं और फायर ब्रिगेड की क्रेन पर फायर कर्मियों के साथ ऊपर चली गईं ताकि आग का पता लगाया जा सके. लेकिन क्रेन खराब हो गई.

उधर कुछ मीडिया वाले व्यापारियों से सवाल पूछने लगे. बीजेपी के कार्यकर्ता भी इस मौके पर पहुंच गए और अल्का को घेरने की कोशिश करने लगे. उन्होंने अलका पर काम में अड़चन डालने का आरोप लगाया. फंसी हुई क्रेन से अल्का को  नीचे उतारने के लिए बकायदा स्पेशल फायर ब्रिगेड की गाड़ी लगाई गई. वह क्रेन से तो नीचे उतरीं लेकिन आग बुझाने गए दमकल पर चढ़ी रहीं. वहां तैनात पुलिस बल अलका लांबा के साथ-साथ ही चलता रहा. कहा जा रहा है कि सीसगंज गुरुद्वारे से उन्हें पुलिस जिप्सी में बैठा कर आगे भेजने का प्लान था लेकिन वह वहां भी नहीं उतरीं. ऐसे में पानी से भरी फायर ब्रिगेड को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर दौड़ा दिया गया. अलका लांबा इसके बाद ही वहां से निकलीं.

अलका के इस कदम से वहां का व्यापारी वर्ग गुस्से में दिखा. उनका आरोप है कि विधायक की वजह से आग बुझाने में देरी हुई और आग तेजी से फैली. डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर राजेश मोहन बताते हैं कि जिस लिफ्ट वाली फायर ब्रिगेड में अलका चढ़ी थीं वो बहुत संवेदनशील होती हैं. उसका हाइड्रोलिक सेंसर तार या पतंग के मांझे से भी खराब हो जाता है. शायद यही वजह रही कि लिफ्ट हवा में रुकी रही. उनके मुताबिक फायर ब्रिगेड के काम खत्म होने के बाद भी विधायक उस पर चढ़ी हुईं थीं. इस आग पर काबू करने में लगभग 30 दमकल की गाड़ियां लगीं.