आधार लिंक न करने पर देना होगा ये सबूत, सुप्रीम कोर्ट से आई बुरी खबर

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न कल्याण योजनाओं को आधार से जोड़ने के मामले पर अपना अंतरिम आदेश जारी कर दिया है. इस बीच केन्द्र ने आधार जोड़ने की अनिवार्यता की समयसीमा बढ़ाकर अगले साल 31 मार्च तक कर दी है. इतना ही नहीं 31  मार्च तक आधार लिंक करने की आखिरी तारीख तक का फायदा तभी मिलेगा जब आपके पास आधार कार्ड नहीं होगा. आपके पास सिर्फ एक विकल्प है और वो ये कि आपने आधार के लिए एप्लाई कर रखा हो और उसकी रसीद आपके पास हो.

इससे पहले सरकार ने बैंक खातों और चुनिंदा वित्तीय लेन देन के लिए आधार और पैन की जानकारी देने की अनिवार्यता की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाने संबंधी अधिसूचना बुधवार को ही जारी कर दी थी. हालांकि मोबाइल सिम कार्ड को आधार से जोड़ने की समय सीमा छह फरवरी, 2018 से आगे बढ़ाने के बारे में कोई जिक्र नहीं है. आधार कार्ड को मोबाइल सेवाओं से जोड़ने के मुद्दे पर अटार्नी जनरल ने कहा कि छह फरवरी की समय सीमा शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद निर्धारित की गई थी और संविधान पीठ इसकी समय सीमा बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है.

शीर्ष अदालत ने 27 नवंबर को कहा था कि विभिन्न सेवाओं और कल्याण योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को ज़रूरी बनानेके केन्द्र के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार के लिए संविधान पीठ गठित करने पर विचार किया जाएगा. हाल ही में नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि संविधान के अंतर्गत निजता का अधिकार भी मौलिक अधिकार है. आधार की वैधता को चुनौती देने वाली अनेक याचिकाओं में दावा किया गया था कि इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है.

केन्द्र ने 25 अक्तूबर को अदालत से कहा था कि उसने आधार से जोड़ने की अनिवार्यता की अवधि अगले साल 31 मार्च तक उन लोगों के लिए बढ़ा दी है जिनके पास 12 अंकों की बायोमेट्रिक पहचान संख्या नहीं है और वे इसके लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं.