विमान हादसे में सचमुच जा सकती थी ममता बैनर्जी की जान, यूंही नहीं किया था हंगामा, 6 पायलट निलंबित तगड़ी वाली जांच शुरू

नयी दिल्ली: सरकार ने आखिर मान लिया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कम ईंधन के बावजूद आसमान में विमान उड़ाया जाता रहा. इससे पहले सत्ताधारी पार्टी के लोग ममता बैनर्जी के आरोपों को अनर्गल प्रलाप बताकर खारिज करने की कोशिश कर रहे थे. सस्ती एयरलाइन इंडिगो ने अपने उस विमान के दो पायलटों को सेवा से हटा दिया है जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सवार थीं और जिसके बारे में तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि ईंधन की कमी के बावजूद विमान को लैंड करवाने में प्राथमिकता नहीं दी गई.

अब इस मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने छह पायलटों को निलंबित कर दिया है। इनमें इंडिगो, स्पाइस जेट और एयर इंडिया के दो-दो पायलट शामिल हैं।

ये उन तीन विमान के पायलट थे, जिन पर कोलकाता में कम ईंधन होने के बावजूद विमान को उड़ाते रहने का आरोप लगा था। पिछले हफ्ते बुधवार को हुई इस घटना के दौरान ममता इंडिगो की फ्लाइट से पटना से कोलकाता आ रही थीं।

उनके विमान की लैंडिंग के दौरान एयर इंडिया और स्पाइसजेट के विमान आगे थे। तृणमूल कांग्रेस ने ईंधन में कमी और तत्काल लैंडिंग की बातों को मानने से इन्कार करते हुए इसे ममता की हत्या की साजिश करार दिया था। डीजीसीए की इस कार्रवाई को एयरलाइंस के लिए कड़ी चेतावनी माना जा रहा है ताकि वे आगे से ईंधन को लेकर कोई समझौता न करें।

खासकर ठंड के मौसम में, जब कम विजिबिलिटी के चलते पायलटों के सामने अक्सर ऐसी समस्या आती है और उन्हें तय जगह पर विमान को उतारने के बजाय उसे डायवर्ट करना पड़ता है। हालांकि एयरलाइन कंपनियां डीजीसीए के इस कदम से खुश नहीं हैं।

उनका कहना है कि तीनों विमान में इतना ईंधन था कि वह पास के किसी दूसरे एयरपोर्ट, जैसे भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर उतर सकें। इंडिगो की तरफ से कहा गया है कि पायलटों के बीच तालमेल की कमी और कोलकाता में एयर ट्रैफिक कंट्रोल की वजह से विमान को उतारने में 30 मिनट की देरी हुई थी।

इंडिगो के एक प्रवक्ता ने बताया कि डीजीसीए के साथ चर्चा और जांच पूरी होने तक विमान 6ई 342 के पायलटों को उड़ान सेवा से हटा दिया गया है. एयरलाइन की ओर से कहा गया कि उड्डयन नियामक डीजीसीए की जांच पूरी होने तक दोनों पायलटों को बहाल नहीं किया जाएगा.