2019 के लिए मोदी की घेराबंदी की तैयारी, विपक्ष ने बनाया महाप्लान

नई दिल्ली: जैसे जैसे 2019 नजदीक आ रहा है चुनावी महासमर की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. बीजेपी की यूपी की जीत के बाद तो ये पार्टियां और भी सक्रिय हैं और उन्होने मोदी की चुनौती को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. यूपी में बीजेपी की बंपर जीत ने विपक्षी दलों के फिर से अपनी रणनीति पर विचार करने को मजबूर कर दिया है. एक तरफ जहां बीजेपी 2019 की महाजंग जीतने के लिए अभी से रणनीति पर काम करना शुरू कर चुकी है तो दूसरी ओर विपक्ष भी नई रणनीति के साथ सामने आ रहा है. कांग्रेस पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने 2019 में मोदी मैजिक को मात देने के लिए सुझाव दिए हैं और इसमें सबसे ऊपर दिख रहा है कि अकेले कोई दल मोदी को हरा नहीं सकता ऐसे में तमाम दल एक साथ आ सकते हैं.

ये है महाप्लान 2019

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने India Today से खास बातचीत में इस बात को स्वीकार किया कि मोदी को हराना अकेले कांग्रेस पार्टी के बूते की बात नहीं है. ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंदन बनाना होगा. सभी दलों को अपने हित अलग रख मोदी फैक्टर को हराने के लिए साथ आना होगा.

कांग्रेस पार्टी में क्या हों बदलाव?

कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के खिलाफ उठते आवाज पर अय्यर ने कहा कि राहुल गांधी की अपनी जगह है लेकिन पार्टी के संगठन में बड़े बदलावों की जरूरत है. युवा नेताओं को महासचिव पद पर और अनुभवी नेताओं को कार्यसमिति में जगह देनी होगी. इसके अलावा रीजनल नेताओं को मजबूत करना होगा. मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पंजाब की जीत मजबूत रीजनल नेता की जीत है. इससे हमें सीख लेनी होगी.

कांग्रेस की नई रणनीति?

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता सी पी जोशी ने इस बीच कहा कि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू कर चुकी है और भाजपा को ‘कड़ी चुनौती’ देगी. जोशी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पूरा राजनीतिक विमर्श बदल गया है और नई चुनौतियां सामने आ गई हैं, जिनके लिए पार्टी को देश भर में अन्य पार्टियों से तालमेल करना होगा ताकि भाजपा का मुकाबला किया जा सके. ये प्रयोग सफल होंगे. बिहार इसका उदाहरण है. इसमें सपा और बसपा को भी साथ लाने की कांग्रेस पार्टी कोशिश करेगी.

बिहार मॉडल पर जोर

मोदी को 2019 में लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस पार्टी ने बिहार के तर्ज पर महा गठबंधन बनाने की वकालत की है. हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा की धमाकेदार जीत को देखते हुए इन दोनों दलों ने महागठबंधन बनाने पर जोर दिया है. जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि जब तक देश के तमाम राजनीतिक दल भाजपा को हराने के लिए एक मंच पर नहीं आते हैं तब तक प्रधानमंत्री मोदी को हराना संभव नहीं है. संजय सिंह ने कहा कि अगर मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के साथ हाथ मिलाया होता तो फिर वहां की तस्वीर कुछ और होती है.

कौन होगा राष्ट्रीय महागठबंधन का चेहरा

हालांकि, मोदी को हराने के लिए 2019 में अगर कोई महागठबंधन बनता है तो उस का नेतृत्व कौन करेगा इसपर सहमति नहीं दिखती. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के अलावा किसी और चेहरे पर शायद ही राजी होगी लेकिन जदयू ने साफ स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही महागठबंधन का चेहरा हो सकते हैं और मोदी को टक्कर देने के लिए सबसे मजबूत प्रधानमंत्री उम्मीदवार.courtsey-aajtak