सुब्रत राय के पास अब हैं ये दो विकल्प, सुप्रीम कोर्ट ने बंद किए रास्ते

नई दिल्ली: सहारा इंडिया समूह के मुखिया सुब्रत राय सहारा को 15 दिन में एक अहम फैसला लेना होगा. अगर वो इसमें नाकाम रहते हैं तो ज़िंदगी वापस तिहाड़ हो जाएगी . सुब्रत राय पिछले एक साल से पेरोल पर हैं. सहारा श्री से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनके पास दो विकल्प है या तो वो वो 20 जुलाई तक 552 करोड़ रुपये जमा कर दें या तिहाड़ जाने की तैयारी कर लें. सुब्रत राय को सिर्फ तिहाड़ जेल ही नहीं जाना होगा बल्कि उनकी मुंबई के पास लोनावला में स्थित ऐंबी वैली भी नीलाम हो जाएगी.

इससे पहले 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा को 10 दिनों के भीतर 709.82 करोड़ रुपये सहारा-सेबी खाते में जमा करने के लिए कहा है. साथ ही सुब्रत राय की पैरोल की अवधि पांच जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. मालूम हो कि समूह को 15 जून तक सहारा-सेबी खाते में 1500 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन समूह की ओर से इस अवधि तक 790.18 करोड़ रुपये ही जमा कराए गए.

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान निर्धारित समय के भीतर 1500 करोड़ रुपये सेबी-सहारा खाते में जमा नहीं कराने पर नाराजगी जताई. हालांकि पीठ ने समूह को शेष रकम (709.82 करोड़ रुपये ) जमा करने के लिए और 10 दिनों का वक्त दे दिया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि अगर 10 दिनों के भीतर रकम जमा नहीं हुआ तो सहारा प्रमुख को जेल जाना होगा.

इससे पहले सहारा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि 790.18 करोड़ रुपये सहारा-सेबी खाते में जमा हो गए हैं. उन्होंने बाकी रकम जमा करने के लिए और 10 कार्य दिवस देने की गुहार की. पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें समय दे दिया है.
सुनवाई के दौरान समूह की ओर से बताया गया कि वह लंदन के ग्रॉसवेन हाउस होटल में अपने शेयर को बेच रहा है और 10 दिनों में यह रकम उसके पास आ जाएगी.

वहीं, बांबे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्वीडेटर की ओर से पीठ को बताया गया कि लोनावाला में करीब 800 एकड़ क्षेत्र में फैले एंबी वैली की कीमत का आंकलन हो गया है और इसे बेचने की शर्तें भी तैयार कर ली गई हैं. इसे परीक्षण के लिए पूर्व जस्टिस बीए अग्रवाल के पास भेज दिया गया है.

सहारा समूह ने पीठ से हरिद्वार स्थित रानीपुर में 87.03 एकड़ जमीन को सर्किंल रेट से 38 फीसदी कम कीमत पर बेचने की अनुमति मांगी. जिस पर पीठ ने कहा कि सर्किल रेट से कम पर बेचने की कैसे इजाजत दी जा सकती है. जवाब में समूह ने कहा कि पूर्व में भी सर्किल रेट से 10 फीसदी कम कीमत पर बेचने की अनुमति दी गई थी. इस पर पीठ ने सेबी से कहा कि वह इस संपत्ति की नीलामी सर्किल रेट से 10 फीसदी कम में कर सकती है.

पिछली सुनवाई में सहारा ने दो पोस्ट डेटेड चेक दिए थे. पहला चेक 1500 करोड़ रुपये का था जबकि दूसरा 552 करोड़ रुपये का. सहारा प्रमुख ने पीठ को आश्वास्त किया था कि 1500 करोड़ रुपये की पहली खेप 15 जून तक जमा हो जाएगी. जबकि 552 करोड़ रुपये 15 जुलाई तक जमा कर दिए जाएंगे. जिसके बाद पीठ ने उनकी पैरोल की अवधि 19 जून तक के लिए बढ़ा दी थी.