साढ़े चार साल में नौवीं पास, वर्मा जी के पास पढ़ाई का इंजेक्शन है?

नई दिल्लीःसाढ़े चार साल में नौवीं पास है न अचरज भरी बात। इस विलक्षण प्रतिभाशाली बच्ची का नाम है अनन्या। इतने कम उम्र की इस बालिका के दिलोदिमाग में 12 से 14 साल के बच्चे की सोच समाई है। जिसकी बदौलत विशेष अनुमति के दम पर उसे लखनऊ के सेंट मीराज इंटर कॉलेज में नौंवी क्लास में दाखिला मिला है। कम उम्र के कारण ऑनलाइन फॉर्म रिजेक्ट होने पर अब ऑफलाइन फॉर्म भराकर हाईस्कूल में पंजीकरण कराए जाने की तैयारी है।  अनन्या के भाई-बहन भी कम उम्र में अधिक पढ़ाई का रिकॉर्ड कायम कर चुके।

बोर्ड सचिव ने कहा-शासन से विशेष अनुमति लेकर अनन्या का भरवाएंगे फॉर्म

हाईस्कूल में नौवीं कक्षा में पंजीकरण के लिए कम से कम 12 साल उम्र होनी चाहिए। ऑनलाइन साफ्टवेयर में भी इतनी ही न्यूनतम उम्र दर्ज हैं। जिससे अनन्या का फॉर्म जब एंट्री किया गया तो वह रिजेक्ट हो गया। अनन्या की विलक्षण प्रतिभा की बात सामने आने पर उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव शैल यादव ने शासन से विशेष अनुमति मांगकर ऑफलाइन अनुमति मांगने की बात कही है। डीआइओएस उमेश त्रिपाठी का कहना है कि कम उम्र के कारण ऑनलाइन साफ्टवेयर ने साढ़े चार साल की अनन्या का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया। चूंकि विशेष अनुमति से नौवीं में दाखिला मिला है तो अब विशेष अनुमति से पंजीकरण फॉर्म भी भराया जाएगा।

वर्मा परिवार की विलक्षण संतानें, बड़े भाई-बहन ने कम उम्र में कर डाली बड़ी पढ़ाई

लखनऊ में कानपुर रोड स्थित बरिगवां में रहने वाले तेजबहादुर वर्मा की सभी संतानें विलक्षण प्रतिभा की धनी हैं। अनन्या की बड़ी बहन सुषमा ने सात साल तीन महीने में ही हाईस्कूल पास किया था। फिर 16 साल की उम्र में ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी में दाखिला ले लिया। अनन्या के बड़े भाई शैलेंद्र वर्मा ने नौ साल की उम्र में हाईस्कूल और 14 साल की आयु में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीसीए किया। इस समय शैलेंद्र 22 साल की उम्र में बेंगलुरु की मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब कर रहे हैं।

मां-बाप को तीनों बच्चों पर नाज

तेज बहादुर वर्मा और मां छाया देवी को अपनी तीनों विलक्षण प्रतिभा की धनी संतानों पर नाज है। हालांकि तेजबहादुर कहते हैं कि उनकी सबसे छोटी बेटी अनन्या अपने बड़े भाई-बहन से ज्यादा प्रतिभाशाली है। वह उनसे भी कम उम्र में हाईस्कूल की पढ़ाई शुरू करने के काबिल हुई है। अनन्या को रामायण की तमाम चौपाई याद हैं।

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