राहुल गांधी नहीं होंगे विपक्ष का पीएम फेस! मल्लिकार्जुन खरगे का चौकाने वाला बयान

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों की बैठक में एक बयान दिया है, जिसके अनुसार वे नहीं चाहते कि कांग्रेस सत्ता या प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल हो. यह बैठक बेंगलुरु में मंगलवार (18 जुलाई) को हुई थी और खरगे ने इस बयान को मंगलवार को ही जारी किया है।

प्रमुख सूत्रों के अनुसार, इस बयान के बाद राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की रेस में होने की अटकलें धीरे-धीरे ढल रही हैं। पहले तो कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया था, लेकिन खरगे के इस बयान ने उन्हीं की संभावित प्रधानमंत्री पद की रेस की उम्मीदों को एक झटका पहुंचाया है।

खरगे ने बेंगलुरु में आयोजित संयुक्त विपक्षी बैठक में कहा, “हम यहां 26 पार्टियां हैं। हम सभी मिलकर 11 राज्यों में सरकार में हैं। भाजपा को अकेले 303 सीटें नहीं मिली हैं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का उपयोग किया और सत्ता में आई, फिर उसने उन्हें त्याग दिया। आज भाजपा अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं।”

यह बयान दरअसल कांग्रेस पार्टी की संख्याबल को दर्शाने का प्रयास है, जिसमें खरगे ने कहा है कि कांग्रेस संघर्ष के लिए सत्ता की लोभनीयता को नहीं मानती है। वे दावे कर रहे हैं कि विपक्षी दलों के साथ मिलकर वे अब विभिन्न राज्यों में सरकार बना रही हैं, जो कि भाजपा के साथी दलों की संख्या को प्रभावित कर रही है।

खरगे का बयान विपक्षी दलों में हलचल पैदा कर रहा है, जबकि कांग्रेस के अंदर भी इसके असर में कुछ उथल-पुथल दिखाई दे रही है। यह बयान कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदों को कमजोर करने का एक संकेत हो सकता है।

इस बैठक में विपक्षी दलों ने कांग्रेस के साथ मिलकर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक मिलान समझौता करने का भी निर्णय लिया है। इसका मकसद है कि वे एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्षी मोर्चा बनाएं और सत्ता की चुनौती को लेकर एक साथ काम करें। इसमें खरगे की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, जिसके बावजूद उन्होंने अपने बयान के माध्यम से कांग्रेस की सत्ता प्राधान्यता को ध्यान में रखने का संकेत दिया है।

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