मारे ही नहीं पाकिस्तान से आतंकवादी पकड़कर भी लाई सेना

भारत के डायरेक्टर जेनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) लेफ़्टिनेंट जेनरल रणबीर सिंह ने एक प्रेस वार्ता कर जानकारी दी है कि ‘भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के साथ छिपे आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकवादियों’ को मार दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि ये ऑपरेशन बुधवार रात को हुआ और ये ख़त्म हो चुका है.

भारतीय सेना ने कहीं ये 10 प्रमुख बातें (उनके शब्दों में)-

1.बुधवार को बहुत ही विश्वसनीय जानकारी मिली कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के साथ लॉन्चपैड्स पर इसलिए एकत्रित हुए हैं ताकि सीमापार घुसपैठ कर जम्मू-कश्मीर या भारत के बड़े शहरों पर हमला कर सकते हैं.

2.इसके आधार पर भारतीय सेना ने उन लॉन्चपैड्स पर बुधवार रात सर्जिकल स्ट्राइक्स किए हैं. इसमें आतंकवादी और उनके समर्थकों को भारी नुक़सान पहुंचाया गया है और कईयों को मार दिया गया है.

3.इन ऑपरेशन्स को अब समाप्त कर दिया गया है. हमारा इन ऑपरेशन्स को जारी रखने का इरादा नहीं है क्योंकि इनका मक़सद सिर्फ़ आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करना था.

4.पिछले कुछ समय में पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा से घुसपैठ में बढ़ोत्तरी हुई है. 11 और 18 तारीख के हमलों के अलावा 20 ऐसी कोशिशों हुई हैं जिन्हें भारतीय सेना ने रोका है.

5.घुसपैठ की कोशिशों के दौरान मिले सामान में ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (जीपीएस) जैसी चीज़ों पर पाकिस्तानी चिन्ह हैं.

6.हमने कुछ पाकिस्तानियों को हिरासत में भी लिया है जो पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के मूल निवासी हैं. पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण और हथियार दिए गए.

7.हमने पाकिस्तान से कहा है कि वो इन आतंकवादियों को क़ानूनी सहायता देने के लिए आज़ाद हैं. हमने उन्हें उड़ी और पुंछ के हमले में मारे गए आतंकवादियों के फ़िंगरप्रिंट और डीएनए सैम्पल देने की पेशकश भी की है.

8.मैं ये यक़ीन दिलाना चाहता हूं कि भारतीय सशस्त्र दल किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं. हम किसी भी सूरत में आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा के पास हरक़त नहीं करने दे सकते.

9.बुधवार रात के ऑपरेशन के बारे में मैंने पाकिस्तान के डायरेक्टर जेनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) को फ़ोन कर जानकारी दे दी है.

10.पाकिस्तान ने जनवरी 2004 में आश्वासन दिया था कि वो अपनी ज़मीन से भारत के ख़िलाफ़ आतंकवादी गतिविधियों को नहीं होने देगा और इसी आधार पर मैं (डीजीएमओ) पाकिस्तानी सेना से उम्मीद करता हूं कि वो हमारा समर्थन करें और इलाके में शांति बहाल हो.