पत्नी की लाश ढोने के लिए पैसे नहीं थे, अब हवाई जहाज में घूम रहा है दाना मांझी

नई दिल्ली: कल तक जिस दाना मांझी के पास फूटी कौड़ी नहीं थी. जो अपने रिश्तेदार के साथ रहकर गुजारा करता था. जो अपनी पत्नी की लाश कंधे पर लाद कर 60 किलोमीटर की यात्रा पर इसलिए निकल पड़ा क्योंकि वो उसके लिए एक वाहन का इंतजाम नहीं कर सकता था, आज सिर्फ 15 दिन बाद वो दाना मांझी फ्लाइट में बैठकर दिल्ली आया था.  ओडिशा के कालाहांडी के दलित दाना मांझी को बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने 8.9 लाख रुपए का चैक दिया है. इसी चैक को लेने वो दिल्ली आया.
बहरीन एंबेसी पहुंचे दाना मांझी

प्रिंस खलीफा की ओर से दिए गए चैक लेने दाना मांझी गुरुवार को दिल्ली में बहरीन एंबेसी पहुंचे. मांझी को बैंक ऑफ बहरीन और कुवैत का चैक मिला. इस चैक को पाकर दाना मांझी ने कहा मैं बहुत खुश हूं. मैं इस पैसे को अपनी तीन बेटियों की शिक्षा में लगाऊंगा. मैं चाहता हूं कि मेरी बेटियों को अच्छी शिक्षा मिले और वो अच्छी नौकरी कर सकें. दाना मांझी का सपना है कि वो बेटियों को आईएएस अफसर बनाए. इस चैक को लेने के बाद मांझी एयरइंडिया की फ्लाइट से वापस भुवनेशवर लौट गया.

 इस घटना के बाद सुर्खियों में आया दाना मांझी

दाना मांझी की पत्नी अमंग देई को टीबी हो गया था. इलाज के लिए उन्हें भवानी पाटन के जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी. इसके बाद मांझी ने शव को चटाई और चादर में लपेट कर अपने कंधे पर लेकर गांव की ओर चल पड़ा था.  क्यों कि उसके पास वाहन के लिए पैसे नहीं थे. इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी साथ थी  ओडिशा टीवी के पत्रकार अजीत सिंह ने इस नज़ारे को देखा और पूरी दुनिया को उसकी कहानी बताई. फिर क्या था सोशल मीडिया पर मांझी के समर्थन में करोड़ों लोग खड़े हो गए. ये खबर बहरीन भी पहुंची

 मांझी पर सब तरफ से हुई पैसों की बारिश

मांझी को जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 75 हजार रुपए दिए हैं. प्रशासन ने उनकी तीनों लड़कियों का सरकारी स्कूल में एडमिशन भी करा दिया है. वहीं, रेड क्रॉस सोसायटी ने 50 हजार रुपए देने का वादा किया है. शुलभ इंटरनेशनल ने उनके नाम से एक फिक्स डिपोजिट खोला है. उनकी बेटियों के लिए हर महीने 10 हजार रुपए देने की बात की गई है. यह भी बताया जा रहा है कि एक अनजान शख्स ने उनके बैंक अकाउंट में 80 हजार रुपए जमा करवा दिए हैं.