“तनावपूर्ण पुरोला: लव जिहाद आरोप का विवाद, हिंदू समूहों और पत्रकारों की दलीलों पर सवाल”

पुरोला, उत्तरकाशी, उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में एक सांप्रदायिक विवाद की स्थिति चरम पर पहुंच गई है। इस संघर्ष की जड़ बीते 26 मई को हुई एक घटना है, जब दो युवकों ने एक किशोरी का अगवा करने का प्रयास किया। आरोपियों को बाद में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से यह संघर्ष धार्मिक मुद्दों का रूप ले चुका है।

उक्त घटना के पश्चात, 29 मई को पुरोला में एक विरोध पदयात्रा आयोजित की गई, जिसके दौरान हिंसकता की घटनाएं घटित हुईं। इसके बाद से दक्षिणपंथी हिंदू समूह, स्थानीय व्यापार मंडल और कुछ निवासियों ने राज्य में आने वाले सभी ‘बाहरी लोगों’ की पहचान पर जोर दिया है। उन्होंने उनकी पुष्टि करने की मांग की है, जो अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले को ‘लव जिहाद’ का उदाहरण बताने का आरोप भी लगाया जा रहा है।

पुरोला में तब से लगातार स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करने की धमकी देने वाले पोस्टर लग चुके हैं. 11 दुकानदारों के पुरोला छोड़ने की पुष्टि भी हो चुकी है. हिंदुत्ववादी संगठनों ने बीते 15 जून को एक महापंचायत भी बुलाई थी. मामला हाईकोर्ट में भी पहुंचा. बहरहाल, के अनुसार, धारा 144 लगाने के चलते महापंचायत का आयोजन नहीं किया जा सका. अब सामने आया है कि इस मामले को जबरन ‘लव जिहाद’ का एंगल देने की साजिश को हिंदुत्ववादियों और एक पत्रकार ने अंजाम दिया था.

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