किसानों पर गोलियां चलाने के खिलाफ केजरीवाल का बड़ा संकल्प

किसानों के मामले में आज अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया.केजरीवाल ने काफी कुछ कहा. यहां कम शब्दों में समझिए पूरी बात. 

-हर किसान कर्जे में डूब गया है.  किसान पर 4 लाख का कर्जा है तो वो मौत को गले लगा लेता है लेकिन 9 हजार करोड़ वाले को सरकार आधी रात को विदेश भेज देती है. 
-आज की सरकार एक आदमी को बचाने में लगी है.  बड़े उद्योगपति की प्रॉपर्टी रिकवर होनी चाहिए. 
-कोल्ड स्टोरेज और मंडिया बननी चाहिए. 
-दिल्ली में सरकार ने एक एक गांव को 2 करोड़ रुपए विकास के लिए दिए हैं.  
-फसल बर्बाद होने पर सबसे ज्यादा मुआवजा दिया.  नीयत का फर्क है हमारी नीयत किसान के साथ है, उनकी अम्बानी और अडानी के साथ. 
-संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए लेकिन सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागु कर दिया जाए तो काफी होगा. 
-मंदसौर में जिन किसानों की हत्या हुई उन्हें शाहीद का दर्जा दिया जाए. 

-दुख की बात है कि किसानों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है और उन पर गोलियां चलाई जा रही हैं
-पहले अकाल पड़ने पर दुख मनाते थे और आज ज्यादा उपज होने पर किसान सड़क पर फसल फेंक रहा है
-नीतियों में गड़बड़ी है.  जब किसान सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करता है तो गोलियां चलाई जाती है
-यही का कोंग्रेस किया करती थीं.  कोंग्रेस अम्बानी और अडानी की पार्टी लगती थीं.  लेकिन अब 3 साल बाद लोगों को समझ आया कि वोट किसानों से लिए जाते हैं और नोट बड़े लोगों से
-स्वामीनाथन की रिपोर्ट को कांग्रेस ने लागु नही किया.  इसके बाद बीजेपी सत्ता में आई स्वामीनाथन रिपोर्ट लागु करने के नाम पर.
-सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट को लागु न करने की बात कही गयी है.
-किसानो की लड़ाई में कंधा मिलाकर लड़ना है.  किसान नही बचे तो कोई नही बचेगा.
-जय जवान जय किसान के नारे को लगा कर बीजेपी सत्ता में आई लेकिन न जवान खुश न किसान.
-स्वामीनाथन रिपोर्ट पर बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट को लागु न करने की बात कही थी.  
-फसल पर 50% प्रॉफिट देने का वादा करने के नाम पर सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने धोखा दिया है.  ये बात हर किसान को बतानी होगी.
-किसान भीख नही मांग रहा है.  वो अपना हक मांग रहा है.