एक्ज़िट पोल पर भरोसा करें या न करें ? जानिए कितने सही निकले हैं इतिहास में चुनाव सर्वे

नई दिल्ली: भले ही exit poll बदनाम हों. भले ही उनपर बिकाऊ होने के आरोप लगें लेकिन अबतक के exit poll ठीक ठाक ही रहे हैं. हम आपको बताते हैं कि हाल के चुनावों में exit poll कितने गलत हुए कितने सही. पेश है नवभारत टाइम्स का विश्लेषण….

तमिलनाडु

तमिलनाडु में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह अनुमान लगाया गया था कि एआईएडीएमके को हार झेलनी पड़ेगा. लेकिन नतीजे इससे उलट आए और जयललिता को सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ा. जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका दिया था. 234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में ऐक्सिस-माइ इंडिया exit poll में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 120 से 140 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था, जबकि AIADMK को सिर्फ 90 से 110 सीटें ही दी जा रही थीं. न्यूज नैशन टीवी ने अपने exit poll में डीएमके गठबंधन को 114-118 और AIADMK को 95-99 सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन नतीजे आए तो जयललिता की पार्टी की झोली में 136 सीटें आईं.

असम

बीते साल ही असम विधानसभा चुनावों में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की बंपर जीत का अनुमान लगाया था, जो सही साबित हुआ. सूबे में कांग्रेस के तरुण गोगोई बीते 15 साल से सीएम थे, लेकिन बीजेपी ने सर्बानंद सोनोवाल की लीडरशिप में सत्ता पर कब्जा जमाने में सफलता पाई. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में एबीपी ने बीजेपी को 81 सीटें और चाणक्य ने 90 सीटें मिलने का अनुमान जताया था. नतीजे इन अनुमानों के करीब ही रहे और बीजेपी को 86 सीटों पर जीत मिली और उसे बहुमत से सरकार बनाई.

बंगाल

पश्चिम बंगाल के चुनावों में इंडिया टुडे ने तृणमूल कांग्रेस की बंपर जीत का अनुमान जताया था, जो सही साबित हुआ. 294 सीटों वाली विधानसभा में ममता बनर्जी की लीडरशिप वाली पार्टी को 211 सीटें मिलीं, जबकि बहुमत के लिए सिर्फ 148 के आंकड़े की जरूरत थी. चाणक्य ने अपने सर्वे में टीएमसी को 210, सी-वोटर ने 167 सीटें दी थीं.

केरल

ज्यादातर एग्जिट पोल्स में सत्ताधारी यूडीएफ के बेदखल होने का अनुमान जताया गया था. ये अनुमान सही निकला और 140 सीटों वाली केरल विधानसभा में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 91 सीटें जीतीं. हालांकि सी-वोटर ने एलडीएफ को 78 सीटें मिलने का ही अनुमान जताया था.

पुदुचेरी

ज्यादातर एग्जिट पोल्स के लिए यहां अनुमान लगाना आसान साबित हुआ. सभी ने एक स्वर में कांग्रेस-डीएमके की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई.

बिहार

हाल के दिनों में एग्जिट पोल्स को सबसे बड़ा झटका बिहार विधानसभा चुनाव में लगा था. अक्टूबर-नवंबर 2015 में हुए चुनावों में ज्यादातर सर्वे में एनडीए और महागठबंधन के बीच करीबी मुकाबला बताया गया था, लेकिन महागठबंधन ने बीजेपी को करारी मात दी. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एबीपी-नील्सन सर्वे में महागठबंधन को 130 और एनडीए को 108 सीटें मिलने का अनुमान था. टाइम्स नाउ ने सी-वोटर के साथ दिए सर्वे में महागठबंधन को 122 और बीजेपी लीडरशिप वाले एनडीए को 111 सीटें दी थी. लेकिन, नतीजे एकदम उलट थे और जनता ने महागठबंधन को 178 सीटों पर जीत दिलाई.

लोकसभा 2014

आम चुनाव से पहले ज्यादातर एग्जिट पोल्स में इस बात पर सहमति थी कि एनडीए को बहुमत मिलेगा या फिर वह इसके बहुत करीब होगा. एग्जिट पोल्स में बीजेपी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भी अनुमान लगाया गया था. नतीजे आए तो न्यूज24 के चाणक्य सर्वे के अनुमान सबसे सही निकला. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 543 लोकसभा सीटों में से 334 पर जीत हासिल की, जबकि यूपीए गठबंधन महज 60 सीटों पर ही सिमट गया. बीजेपी ने अकेले 282 सीटें हासिल कीं, वहीं कांग्रेस 44 सीटों पर ही रह गई.