इन 2 खबरों में नेताओं के लिए है ये कड़ा संदेश, जनता की चली तो …

खबर नंबर -1

रेल बजट और आम बजट पर सरकार लोगों से सुझाव मांग रही है. वेब साइट पर अबतक 1700 सुझाव आए हैं लोगों ने कहा है कि सांसदों और विधायकों के फ्री रेल टिकट बंद कर देने चाहिए.

 

एक शख्स राजेश ने लिखा- “कुछ दिन पहले मैं हावड़ा रेलवे स्टेशन पर था. वहां एक दलाल 1600 रुपये में टिकट की खुले तौर पर किसी को देने की कोशिश कर रहा था. इसके बाद वह क्लर्क के पास गया और 200 रुपये दिए, टिकट ले आया. मोदी जी आप देश को करप्शन फ्री करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.

रक्षा बंधन पर नहीं जा सका घर
एक और शख्स कल्पेश गुप्ता ने लिखा- ” मैं दिल्ली से हरदोई जाने के लिए दिल्ली स्टेशन पर गया. वहां 6 एटीवीएम लगी थी, लेकिन सभी बंद. लखनऊ की ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन खिड़की पर इतनी लंबी लाइन की दो घंटे में भी टिकट नहीं मिलती. मैं रूम पर चला गया. रक्षा बंधन पर घर नहीं जा सका. क्योंकि रिजर्वेशन में वीआईपी कोटा चलता है

दूसरी खबर

लोगों ने आरटीआई डालकर  कहा कि राजनीतिक दलों को टैक्स में मिलने वाली छूट को  समाप्त कर दिया जाए . लेकिन सरकार नहीं मानी मोदी सरकार ने इस सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा राजनीतिक क्रियाकलापों को प्रेरित करने और देश में लोकतंत्र के हित में उनके क्रियाकलापों के नियमन के बीच संतुलन बनाने के लिए है.

आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल के सुझाव को अव्यावहारिक बताते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि राजनीतिक संस्थाएं किसी भी लोकतांत्रिक ढांचे का आधार होती हैं और आयकर अधिनियम 1961 के 13ए, 80जीजीबी और 80 जीजीसी में दिए गए प्रावधान इन संस्थाओं को प्रेरित और सशक्त करने के लिए हैं.

सीआईसी द्वारा छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, एनसीपी, भाकपा और माकपा को आरटीआई कानून के तहत लाया गया है क्योंकि उन्हें सब्सिडी और टैक्स छूट के रूप में सरकार से परोक्ष फंडिंग मिलती है. ये सभी दल सीआईसी के निर्देश का विरोध कर रहे हैं.