विनोद वर्मा को फंसान के ये हैं सबूत, सीसीटीवी ने पकड़ा पुलिस का झूठ

नई दिल्ली: जैसे जैसे पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी पर जांच हो रही है पुलिस के खिलाफ सबूत जुटाने का काम भी जोरों पर चल रहा है. अब तक की सबूतों की लड़ाई में पुलिस कमजोर फ्रंट पर दिखाई दे रही है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दावा किया गया है कि रायपुर पुलिस अश्लील सीडी का कॉर्टन खुद लेकर विनोद वर्मा के गाजियाबाद स्थित घर पर गई थी. ताकि मामले में सीडी बरामद कराई जा सके.

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का कहना था कि यह बात वर्मा के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी साबित हो जाएगी.

सिर्फ इतना ही नहीं भूपेश ने दावा किया कि दिल्ली के करोलबाग स्थित जिस दुकान में छापा मारकर सीडी को कॉपी कराने का मामला पकडऩे की बात पुलिस कह रही है, वह दुकान दो साल से बंद है. पुलिस का दावा है कि इस दुकान के संचालक ने उसे विनोद वर्मा के बारे में पता चला था .

उधर, रायपुर सिविल न्यायालय में वर्मा के अधिवक्ता फैजल रिजवी का कहना है कि पुलिस की पूरी कहानी फर्जी है. वर्मा को न्यायालय में पेश करने लाई पुलिस ने केवल लैपटॉप, हार्डडिस्क और पेनड्राइव ही जब्त सामानों की सूची में शामिल था. बाद में धारा बढाकर सीडी की जब्ती दिखाई गई.

रिजवी का कहना था कि पुलिस ने वर्मा के पेनड्राइव से कॉपी कर उस वीडियो की सीडी खुद ही बनवाई .

सीबीआई में दर्ज नहीं हुआ केस

सीबीआई के प्रवक्ता केके गौर ने बताया कि उनके यहां सेक्स सीडी केस अभी दर्ज नहीं हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय कार्मिक विभाग से लिखीत आदेश के बाद ही इसकी जांच शुरू होगी. बताया जाता है कि इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस सीबीआई के चार्ज लेने से पहले की भूमिका तैयार करने में जुटी हुई है. उनके आने के बाद पूरे इनपुट जांच एजेंसी को सौंप दिया जाएगा.