2019 में जा सकती है मोदी सरकार, संघ के अंदरूनी सर्वे में चेतावनी

नई दिल्ली : आर एस एस के फीडबैक और इंटरनल सर्वे के मुताबिक 2019 में मोदी की हालत बेहद खस्ता होने वाली है. हो सकता है वो चुनाव हार भी जाएं. संघ ने भारतीय जनता पार्टी को नरेंद्र मोदी सरकार की घटती लोकप्रियता के प्रति आगाह भी किया है.

देश के जाने माने अंग्रेज़ी अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने अपने विभिन्न संगठनों से फीडबैक लेने के बाद आर्थिक सुस्ती, रोज़गार न मिलने और नौकरियां चले जाने, नोटबंदी के फेल होने और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों  पर संघ को सरकार के खिलाफ माहौल बनने का आंदाज़ा हो गया है. संघ का मानना है कि आम लोगों में निराशा है ओर भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार का विजय रथ 2019 में रुक भी सकता है.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि संघ से जुड़े कई संगठन नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खफा हैं. आरएसएस के एक नेता ने द टेलीग्राफ को बताया कि आम लोगों को उम्मीद थी कि मोदी सरकार के बनने के बाद ढेर साला कालाधन वापस आएगा और नोटबंदी से भी बहुत सा कालाधन सामने आएगा लेकिन ये सब नहीं हुआ जिसकी वजह से लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

आरएसएस ने मोदी सरकार के वरिष्ठ नेताओं को कहा है कि उसके कार्यकर्ताओं के अनुसार आम लोग मोदी सरकार के बारे में असुविधाजनक सवाल और बहसें कर रहे हैं.

आपको बता दें कि आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने 17 नवंबर से दिल्ली में सरकारी की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने वाली है. साल 2015 में भरतीय मजूदर संघ ऐसा ही प्रदर्शन करने वाली थी लेकिन अंत समय में उसने इसे वापस ले लिया था.

आरएसएस ने मोदी सरकार को चेताया है कि उसे याद रखना चाहिए बीजेपी साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के बावजूद लोक सभा चुनाव हार गयी थी. आरएसएस नेताओं ने हाल ही में मथुरा में तीन दिन का समन्वय कार्यक्रम किया था. माना जा रहा है कि इस बैठक में आरएसएस ने जमीनी रिपोर्टों का विश्लेषण किया. विचारकों का कहना था कि मोदी सरकार के प्रदर्शन से सिर्फ मोदी का नहीं संघ के पूरे आंदोलन का भविष्य जुड़ा है. विचारकों ने कहा कि सिर्फ पानी की तरह पैसा बहाकर चुनाव जीतने का भ्रम मन से बाहन निकाल देना चाहिए. एक एक बार छवि खराब हुई तो जनता विकल्प न होने के बावजूद कुर्सी से उतार देती है