अगर अखिलेश यादव के नेत्रत्व में चुनाव होता है तो ही समाजवादी पार्टी जीत की उम्मीद कर सकती है. Knockingnews.com के औचक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर लोग पिछले साल में अखिलेश यादव के कामकाज के खुश हैं.
जब लोगों से पूछा गया कि क्या अखिलश यूपी को आगे ले जा सकते हैं तो 70 फीसदी लोगों का जवाब हां था. 20 फीसदी लोगों ने कहा पता नहीं जबकि 10 फीसदी ने ना में जवाब दिया.
इस सवाल के जवाब में कि अखिलेश यादव के बगैर समाजवादी पार्टी क्या चुनाव जीत सकती है?
83 फीसदी लोगों ने कहा नहीं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दर्शकों की राय भी यही थी. जबकि ये परंपरागत रूप से मुलायम और शिवपाल से जुड़ा हुआ इलाका माना जाता है.
क्या अखिलेश यादव को अलग पार्टी बना लेना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में करीब 46 फीसदी लोगों ने कहा हां 32 फीसदी लोगों ने कहा नहीं 22 फीसदी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
अगर समाजवादी पार्टी में विभाजन होता है और मुलायम और अखिलेश के अलग अलग कैंडीडेट चुनाव लड़ते हैं तो किसे वोट देंगे ? इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोगों का जवाब था बीजेपी.
राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच तालमेल की संभावनाओं पर भी लोगो ने सकारात्मक विचार राय दी. ज्यादातर लोगों का मानना था कि दो साफ और सरल स्वभाव ने नेताओं ये तालमेल प्रभावित कर सकता है.
सवाल था कि क्या अखिलेश यादव को राहुल गांधी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए? करीब 60 फीसदी लोगों ने जवाब दिया हां. 28 फीसदी के करीब लोग चाहते थे कि अखिलेश बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ें.
सबसे अहम सवाल था कि क्या अपने कार्यकाल में अखिलेश ने विकास किया ? इस सवाल के सवाल में 90 फीसदी लोगों ने कहा कि हां विकास किया
जब पूछा गया कि क्या कि इससे ज्यादा विकास हो सकता है तो 60 फीसदी का जवाब था हां.