माल्या के खिलाफ सबूतों को लटका रही है सरकार, लंदन कोर्ट में जज का खुलासा

लंदन:अगर आप मानते हैं कि विजय माल्या भाग गया और इसमें सरकार की कोई गलती नहीं है तो ये खबर आपकी आंखें खोलने के लिए काफी है. भारत सरकार इस मामले में लगातार सबूत देने का नंबर आने पर कन्नी काट रही है या कहें कि सबूत देने में देरी कर रही है. ये देरी इतनी खतरनाक है कि हो सकता है कि माल्या के प्रत्यर्पण का मुकदमा कमजोर पड़ जाए.

कल लंदन के वेस्टमिन्स्टर कोर्ट से मालया को फिर बेल मिली. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ मजिस्ट्रेट एमा अरबटनॉट ने मामले में 4 दिसंबर तक की तारीख दे दी है. अदालत ने ये तारीख भारत सरकार की तरफ से सबूत देने में देरी के बाद दी. भारत की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील आरोन वाटकिन्स ने अदालत से सबूत देने के लिए तीन से चार हफ्ते का वक्त मांगा. उन्होंने कहा कि सबूत भारत से अभी आए नहीं हैं इसके बाद उन्हें देखना समझना पड़ेगा. उसके लिए भी टाइम चाहिए.

मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए जज ने कहा कि क्या भारत सरकार के जवाब प्रॉम्प्टली आते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 6 हफ्ते में अदालत के पास जो सबूत थे वही हालात आज हैं. उन्होंने कहा कि अगर सबूत आते नहीं दिखे तो अप्रिल 2018 की तारीख दे दी जाएगी. लेकिन अगर लगता है कि आप ला सकेंगे तो दिसंबर में आइए.

सरकार की तरफ से पेश हो रहे वकील वाटकिन्स ने कहा कि वो लगातार भारत सरकार के संपर्क में है लेकिन जो सबूत वहां से आए हैं वे “काफी” नहीं हैं.

बाद में भारत के वकील वॉट्सन ने कहा कि हमें अबतक भारत सरकार से पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.उन्होंने कहा कि हमने डेढ़ महीने पहले सबूत मांगे थे. हमने 31 जनवरी से काम करना शुरू किया था अब जून हो चुका है लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा.(inputs from times of india)

इस मामले में सबसे अजीब रवैया भारतीय मीडिया का है . वो इस अहम तथ्य की जगह माल्या की बयानबाज़ी को अहमियत दे रहा है.