अगले महीने 43 फीसदी बढ़ जाएगा रेल किराया, मोदी सरकार ने जनता से चली ये चाल, सावधान रहे तो फायदे में रहेंगे

नई दिल्ली : भारतीय रेल के टिकट अब 43 फीसदी महंगे हो जाएंगे. रेल मंत्रालय ने इसके लिए टिकट बुकिंग फॉर्म में अलग से कॉलम बनाए जाने की मंजूरी दे दी है. इस कॉलम में यह पूछा जाएगा कि आप रेल टिकट पर सब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं. जो लोग इस पर सब्सिडी लेने पर टिक लगाएंगे उनको सब्सिडाइज्ड रेट पर रेल टिकट मिलेगा और जो इस पर ध्यान नहीं देंगे और टिक नहीं लगाएंगे उन्हें पूरा किराया यानी 43 फीसदी ज्यादा किराया देना होगा. रेल्वे दावा करती है कि अभी टिकट पर 43 फीसदी पैसा टैक्स देने वालों की जेब से जाता है. इस तरीके की व्यवस्था रेल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर भी दी जाएगी. रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सब्सिडी लेने या ना लेने के ऑप्शन की व्यवस्था अगले महीने से शुरू कर दी जाएगी. दूसरे शब्दों में सब्सिडी चाहने वालों को अब बेहद सावधान रहना होगा.

 

यहां से आया आइडिया

हुआ यूं कि फरीदाबाद के अवतार कृष्ण खेर ने आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए अपना रेल टिकट बुक कराया था, जब उन्होंने रेल टिकट का प्रिंट लिया तो उसमें नीचे लिखा हुआ था कि क्या आप जानते हैं कि आपके किराए का 43 फीसदी देश के आम नागरिक वहन करते हैं. इसके बाद अवतार कृष्ण ने अपनी रेल टिकट में मिली सब्सिडी के बदले में 950 रुपये का चेक बनवा कर रेल्वे को भेज दिया. इस घटना के बाद रेल्वे बोर्ड के अफसरों को यह आइडिया आया कि क्यों ना आम लोगों के लिए टिकट बुकिंग के दौरान सब्सिडी छोड़ने का ऑप्शन भी दिया जाए. लेकिन सब्सिडी छोड़ने का ऑप्शन देेने की जगह रेल्वे ने चतुराई दिखाई और सब्सिडी लेने के  लिए ऑप्शन दे दिया.

 

थर्ड एसी का मिलता है सही किराया

इस समय की स्थिति यह है रेल्वे का यात्री किराया में जितना खर्चा होता है उसके मुकाबले वह यात्री से सिर्फ 57 फीसदी किराया ही वसूलता है. इस तरह से 43 फीसदी सब्सिडी है. ऐसी स्थिति में रेल अफसरों का दावा है कि किराए में बढ़ोतरी ना होने की वजह से रेल्वे लगातार घाटे में जा रहा है. हर कैटेगरी की यात्रा में अगर देखें तो सिर्फ और सिर्फ थर्ड एसी के यात्रियों से ही उतना किराया मिलता है जो उनके खर्च के मुकाबले थोड़ा सा ज्यादा है. बाकी अन्य सभी श्रेणियों में यात्री किराया खर्च के मुकाबले कम वसूला जा रहा है.

 

अगस्त में लागू हो सकती है व्यवस्था

रेल्वे के अफसरों का कहना है इस सब्सिडी छोड़ने के ऑप्शन के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया जा रहा है और ऐसी संभावना है की अगस्त के महीने तक यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके बाद देखना यह होगा कि कितने यात्री पूरे किराए पर सफर करना पसंद करेंगे.