BIG NEWS : अडानी ने धांधली करके देश के बैंकों के अरबों रुपये विदेश भेजे, लंदन के अखबार का खुलासा

नई दिल्ल :एनडीटीवी का हस्र देखने और लगातार सरकारी दबावों के बाद अब सिर्फ विदेशी मीडिया ही बचा है जो खुलकर अपना काम कर पा रहा है. बहरहाल विश्व के जाने माने लंदन के अखबार द गार्जियन ने खबर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले गौतम अडानी ने फ़र्ज़ी बिलो के ज़रिये 1500 करोड़ रुपये टेक्स की हेराफेरी की है.
अख़बार द गार्जियन ने डीआरआई के दस्तावेज के हवाले रिपोर्ट किया है कि अडानी समूह ने महाराष्ट्र की एक बिजली परियोजना के लिए शून्य या बहुत कम ड्यूटी वाले सामानों का आयात किया और उनका दाम वास्तविक मूल्य से कई गुना बढ़ाकर दिखाया. यानी कम दाम का माल ज्यादा दाम में मंगाया और कम ड्यूटी वाले आईटमों पर मंगाया ताकि टैक्स न चुकाना पड़े. अखबार के मुताबिक इसका मकसद देश के बैंकों से लिए गए कर्ज का पैसा दो नंबर में विदेश पहुंचाया जा सके.

अख़बार के मुताबिक अडानी समूह ने दुबई की एक शेल (जाली) , 15 अगस्त को मोदी जी जोर शोर से शेल कंपनियों का जिक्र कर रहे थे. इस कंपनी के माध्यम से अरबों रुपये का सामान महाराष्ट्र की एक बिजली परियोजना के लिए मंगाया और बाद में कंपनी ने वही सामान अडानी समूह को कई गुना ज्यादा कीमत पर बेच दिया. अडानी समूह ने इन सामान की कीमत बिल में औसतन चार गुना ज्यादा दिखायी थी. मतलब 75% पैसा विदेश गया. और बदले में देश में आया कुछ नहीं.
अख़बार के अनुसार इसके बाद दक्षिण कोरिया और दुबई की कंपनियों से ये पैसा मारीशस स्थित के एक ट्रस्ट को पहुंचाया गया. इस ट्रस्ट पर पर अडानी समूह के सीईओ गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी का नियंत्रण है.

यानी भारत में बैंक से सरकारी रसूख का फायदा उठाकर लोन लिया वो पैसा कौड़ियों का माल ऊंची कीमत पर खरीदकर विदेश भेज दिया गया. इधर प्रधानमंत्री मोदी जी बैंकों से लोन का ब्याज़ और कम कर रहे हैं और उसकी भरपाई के लिए बैंक उल्टे सीधे शुल्क लगा रहे हैं. कभी एटीएम से पैसा निकालने पर तो कभी बैंक ट्राजेक्शन पर.

खबर कहती है कि जो पैसा अडानी समूह ने विदेश भेजा है उसका बड़ा हिस्सा भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से लोन (कर्ज) के तौर पर लिया गया था. डीआरआई ने दोनों बैंकों पर किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि का आरोप नहीं लगाया है. आपको याद होगा कि एसबीआई पर जन धन योजना में जमा हुआ पैसा अडानी को कर्ज में देने का आरोप लगा था.