सरकार पुराने नोटों को फिर से चलाने पर कर सकती है विचार, IMF की रिपोर्ट- इसके सिवा कोई चारा नहीं

नई दिल्ली: हो सकता है भारत सरकार गांवों में पुराने 500 के नोटों का चलन फिर शुरू कर दे. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) ने भारत सरकार को सलाह दी है कि वो गांवों और दूरदराज के इलाकों में मार्केट में करेंसी संकट से निपटने के लिए पुराने नोट चालू करने ही पड़ेंगे. भारत सरकार को दी अपनी अपनी रिपोर्ट में IMF ने कहा है कि उसे नई करेंसी की सप्लाई तेज करने के साथ-साथ ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में एक बार फिर से पुरानी करेंसी को मान्य करने की दिशा में सोचने की जरूरत है. आप को बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोश यानी IMF कोई मामूली संस्था नहीं है. भारत पर इस संस्था का भारी भरकम कर्ज है और इसकी सलाह को हवा में नहीं उड़ाया जा सकता.

आईएमएफ ने भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट में कैश की समस्या से निपटने के लिए कुछ और तरीके सुझाए हैं जिसमें करेंसी की निकासी पर लगे प्रतिबंध को हटाने समेत पुरानी करेंसी के टार्गेटेड इस्तेमाल का भी एक तरीका है. यानी कुछ खास कामों के लिए पुराने नोट चलाने की इजाजत दे दी जाए. आप को बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोश यानी IMF कोई मामूली संस्था नहीं है. भारत पर इस संस्था का भारी भरकम कर्ज है और इसकी सलाह को हवा में नहीं उड़ाया जा सकता

आईएमएफ की तरफ से देश में जारी कैश के संकट के बारे में कहा गया है कि 8 नंवबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले ने मार्केट से कैश ठीक उसी तरह खींच लिया है जैसे कोई वैक्युम क्लीनर से सफाई करता है.
आईएमएफ के एशिया-पैसिफिक मिशन में असिस्टेंट डायरेक्टर पॉल ए काशिन के मुताबिक वैक्युम क्लीनर से कैश खींच लेने के बाद नई करेंसी को संचालित करने के लिए क्लीनर को रिवर्स चलाया जा रहा है, जिसके कारण देश में खपत पर गंभीर असर पड़ा है इस का सीधा और सबसे बड़ा असर बाज़ार पर पड़ेगा .
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठन आईएमएफ ने यह भी सलाह दी है कि नोटबंदी ने विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव डाला है लिहाजा सरकार को देश के बैंकों के एनपीए बढ़ने के खतरों के प्रति सजग रहने की जरूरत है. इसके साथ ही सरकार को अर्थव्यवस्था के उन सेक्टर को मदद देने की जरूरत है जिन्हें नोटबंदी के बाद नुकसान उठाना पड़ा है.

 

आईएमएफ के मुताबिक नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव 2017 की पहली तिमाही के दौरान जारी रह सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को आईएमएफ ने विकास दर को 6.6 फीसदी आंका था और वित्त वर्ष 2017-18 के बाद विकास दर 7.2 फीसदी होने की संभावना जताई थी.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को देश में सर्वाधिक प्रचलित 500 और 1000 रुपये की करेंसी को अमान्य घोषित कर दिया था. इस फैसले से मार्केट में लगभग 86 फीसदी करेंसी बाजार से एक झटके में बाहर हो गई थी.