बैंकों ने ब्याज़ दरों में कटौती की. रिटायर लोगों की ब्याज़ से आमदनी कम

नोटबंदी के कारण बैंकों के बाहर केवल नोट निकालने वालों की ही भीड़ नहीं दिख रही बल्कि पुराने नोटों को जमा कराने के कारण बैंक मालामाल नजर आ रहे हैं. हालत ये हैं कि सरकार ने बैंकों में जमा पैसे को ठिकाने लगाने के लिए ब्याज़ की दरें कम कर दी हैं. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कुछ खास अवधि के फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 0.15 प्रतिशत तक की कटौती की है. सरकार द्वारा 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के बाद नकदी बढ़ने के साथ एसबीआई ने यह कदम उठाया है.

नोटबंदीः हर 2 घंटे में जायजा ले रहा है गृह मंत्रालय एसबीआई ने इस बारे में बीएसई और एनएसई को भी सूचित कर दिया है. एसबीआई ने एक बयान में कहा कि एक साल से 455 दिन की मियादी जमा पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटाकर 6.90 प्रतिशत कर दिया गया है जो पहले 7.05 प्रतिशत थी. नई दर आज से प्रभावी हो रही है.

इसके अलावा 456 दिन तथा दो साल से कम की अवधि के लिये सावधि जमा पर ब्याज दर 7.10 प्रतिशत से घटाकर 6.95 प्रतिशत कर दिया गया है. दो से तीन साल की अवधि के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर अब 6.85 प्रतिशत होगी जो पहले 7.0 प्रतिशत थी.

प्रस्तावित ब्याज दरें ताजा जमा तथा परिपक्व हो रही मियादी जमाओं के नवीनीकरण पर लागू होंगी.