पीके ने मुलायम को दिखाया आईना, कहा कांग्रेस नहीं तो मोक्ष नहीं

नई दिल्ली | कभी फिसड्डी दिखने वाली कांग्रेस पार्टी धीरे धीरे उत्तरप्रदेश की राजनीति में आगे की सीट पर नज़र आने लगी है. पहले पार्टी ने नियोजित ढंग से चुनाव अभियान की शुरूआत करके खुद को गंभीर भागीदार के रूप में सामने रखा, उसके बाद राहुल गांधी ने अखिलेश को समर्थन का हाथ दिया और अब पार्टी महा गठबंधन की अगुआ बनकर उभर रही है. मंगलवार को कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की।

माना जा रहा है कि पीके ने मुलायम सिंह को वो सभी आंकड़े दिखाए जो कहते हैं कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी को क्या नुकसान होगा. ये भी बताया गया कि अखिलेश ही सीएम के तौर पर सबसे ज्यादा मजबूत सीएम उम्मीदवार हैं.  इसे सपा-कांग्रेस गठबंधन की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, दोनों ही पक्षों ने बातचीत का ब्योरा नहीं दिया। माना जा रहा है चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले दोनों दलों में समझौता हो सकता है।

चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में हो सकते हैं। प्रशांत किशोर जब मुलायम के घर पहुंचे तो उनके साथ सपा महासचिव अमर सिंह भी थे।

अबतक मुलायम सिंह गठबंधन के मामले में नीतिश के पक्ष में थे लेकिन इस मुलाकात के बाद उन्हें ये बताया गया कि यूपी में कांग्रेस के बिना कोई भी गठबंधन ठीक काम नहीं कर सकता.