सांप्रदायिक देशभक्तों को ‘औरंगजेब’ का थप्पड़, कश्मीरी मुसलमान तुमसे ज्यादा देशभक्त है

उसका नाम औरंगजेब था धर्म से मुसलमान था कश्मीरी भी था. इन तीनों पर लगातार सोशल मीडिया में शक किया जादा है और सवाल उठाए जाते हैं लकिन औरंगजेब न सबको करारा जवाब दिया. वो था कट्टर देश भक्त, सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के लिए उसने जान देकर ये संदेश दिया है कि न तो कश्मीरी देश द्रोही हैं न मुसलमान और नाम से तो कुछ भी नहीं होता.

औरंगजेब की मौत के बाद उसके बाप ने जो कहा वो देश भक्ति का एक और उदाहरण है. उसने कहा “मेरा बेटा मर गया, मगर लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद मत करें. अगर ऐसा करेंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा?” इतना ही नहीं उसने कहा कि या तो आतंकवादियों से बदला लो या वो खुद उन्हें मार गिराने के लिए हथियार उठाएगा.

आतंकियों द्वारा पुलवामा से अपहरण के बाद निर्मम तरीके से मारे गए भारतीय सेना के जाबांज जवान औरंगजेब का आखिरी वीडियो चीख चीख कर कह रहा है कि गद्दारो हम तुमसे ज्यादा देशभक्त हैं. इस वीडियो को आतंकी संगठन जैश ने जारी किया है. जिसमें आतंकी जवान को एक पेड़ से बंधक बना कर पूछताछ कर रहे हैं.

आतंकियों ने जवान से सबसे पहले उसका नाम और पता पूछा. औरंगजेब ने अपना नाम और पता जैसे ही बताया आतंकियों ने कहा तुम्हारी ड्यूटी कहा है और तुम शुक्ला के साथ रहते हो न? औरंगजेब ने बिना किसी डर के जवाब दिया शादीपोरा, पुलवामा में मेरी ड्यूटी है और हां मेजर रोहित शुक्ला के साथ रहता हूं.

आतंकियों ने उससे पूछा कि तुम क्या ड्यूटी करते हो? औरंगजेब ने बताया कि पोस्ट पर सिपाही हूं. आतंकियों ने पूछा कि तुम शुक्ला के गार्ड भी हो? औरंगजेब ने हां में जवाब दिया. आतंकियों ने कहा कि उसके साथ हर ऑपरेशन में तुम जाते हो न?

औरंगजेब ने कहा कि हां जाता हूं. आतंकियों ने पूछा कि मुहम्मद भाई, वसीम और तल्हा का एनकाउंटर तुमने ही किया था न? जवान ने बिना डरे कहा हां मैंने ही किया था.

जैश चीफ मसूद अजहर के भतीजे का भी जिक्र 

पूछताछ में आतंकियों ने तल्हा राशिद का भी जिक्र किया है. बता दें कि तल्हा राशिद, जैश चीफ मसूद अजहर के भतीजा था. जो नवंबर 2017 में पुलवामा में अपने अन्य दो साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. उस ऑपेरशन को भी सेना की 44 आरआर ने ही अंजाम दिया था जिसका सदस्य औरंगजेब भी था.

इस मुठभेड़ में अन्य जो दो आतंकी मारे गए थे उनकी पहचान मुहम्मद भाई और वसीम के तौर पर हुई थी. मुहम्मद भाई जैश का डिवीजनल कमांडर था, जो पाक का रहने वाला था. जबकि वसीम पुलवामा के द्रुबगाम का रहने वाला था.

आठ महीने पहले से निशाने पर था जवान 

औरंगजेब नवंबर में हुए पुलवामा एनकाउंटर के बाद से ही जैश के निशाने पर था. उसकी हर एक हरकत पर आतंकी नजर बनाए हुए थे. जैश आतंकियों ने अपने आका के भतीजे की मौत को अब तक नहीं भूला पाए थे. इसी कारण से इस घटना को अंजाम दिया.

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