प्रवीण तोगड़िया मीडिया के सामने रो पड़े, बोले मुझे एनकाउंटर में मारने की साजिश, बतायी गायब होने की कहानी

नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर अपने गायब होने के राज का पर्दाफाश किया. वीएचपी प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि उन्हें एनकाउंटर में मारने की साजिश हो रही है. वो पत्रकारों के सामने रो पड़े. उन्होंने कहा कि कुछ समय से मेरी आवाज दबाने का प्रयास होता रहा, मैं हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा. कई वर्षों से हिंदुओं की जो आवाज थी, राम मंदिर-गोहत्या का कानून, कश्मीरी हिंदूओं को बसाने की मांग की.

नॉकिंग न्यू़ज़ डॉट कॉम ने कल ही खबर दी थी कि तोगड़िया के गायब होने के पीछे उनका वो बयान है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाए थे.

तोगड़िया ने आरोप लगाया, ”मेरा एनकाउंटर करने साजिश की गई. जब मुझे ये पता चला तो मेरे पास जो ज़ेड सिक्योरिटी है, मैं उसे बताकर एयरपोर्ट के निकल लिया. मैंने शॉल ओढ़ी हुई थी ताकि कोई मुझे पहचान न पाए. मुझे अस्पताल कौन लाया है, मैं नहीं जानता हूं. मैं हिंदू एकता के लिए जो कोशिशें कर रहा हूं, उसे दबाने की कोशिश की जा रही है.”

मैं हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा. कई सालों से जो हिंदुओं की आवाज थी कि राम मंदिर, गो हत्या बंदी का कानून बनाओ और कश्मीरी हिंदुओं को बसाओ. ये आवाज़ मैं हिंदुओं की ओर से उठाता रहा. और इस आवाज़ को दबाने की कोशिश होती रही.

  • मैंने देश के जो 10 हजार डॉक्टर तैयार किए. सेंट्रल आईबी ने इन लोगों को डराना शुरू किया.
  • मैंने केंद्र सरकार को खत लिखा. आवाज़ दबाने के लिए कोशिश की जा रही है.
  • 20-20 साल पुराने केस निकाले जा रहे हैं. कल मकर संक्राति के दिन राजस्थान की पुलिस का काफिला मेरे ख़िलाफ गैर-ज़मानती वॉरेंट लेकर आया.
  • ये हिंदुओं की मेरी आवाज़ दबाने के कदम का एक हिस्सा है. मैं हिंदू संगठनों के लिए काम करता रहा.
  • आरएसएस के भैय्याजी जोशी के साथ मकर संक्रांति के दिन सभा करके रात के एक-जो बजे लौटा.
  • सुबह में पूजा पाठ कर रहा था, तब एक शख्स मेरे कमरे में घुस आया और कहा कि तुरंत कार्यालय छोड़ दीजिए. आपका एनकाउंटर करने वाले हैं.
  • ये आदमी जो मुझे बताकर गया था, मैंने इस पर यकीन नहीं किया. लेकिन मेरे पास जो फोन आया, उससे मुझे शक हुआ. मैंने वकीलों और अपनों से बात की, तो उन्होंने कहा कि कोर्ट में सरेंडर कीजिए.
  • मैंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. मैंने बाहर देखा तो दो पुलिसवाले थे.
  • मैंने सोचा कि अगर कुछ तब बुरा हुआ तो देश में भी माहौल बिगड़ेगा. मैं बाहर निकला और ऑटोरिक्शा में कार्यकर्ताओं को बैठाकर निकल पड़ा.
  • राजस्थान के गृहमंत्री को फोन किया. उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी, मैंने अपने सारे फोन स्विच ऑफ किए.