बगावत करके शुहैब ने अंजू को पत्नी बनाया फिर उसे कभी सुख नहीं दिया

नई दिल्ली : दिल्ली के कस्तूरबा गांधी रोड पर बनी एक मस्जिद के इमाम का बेटा कौन जान सकता था कि लंदन में नौकरी करने पहुंच जाएगा और लौटकर भारत के टीवी इतिहास का सबसे यादगार और सुपरहिट शो तैयार कर देगा. इस शो ने शोएब को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. सुहेब इलियासी की एंकरिंग करने का एक अलग ही अंदाज़ था और अपने इसी ख़ास अंदाज़ से उनकी अलग पहचान बनी.

क्राइम की दुनिया में भी उनके आने से सनसनी फैल गई थी. अपराधी उनसे खौफ खाते थे. उनके शो के ज़रिए पुलिस को भी अपराधियों को पकड़ने में खासी मदद मिलती थी. कहा जाता है कि अपराधियों की दुनिया को समझते समझते लोग अक्सर अपराधी बन जाते हैं. शोएब ने यही साबित किया. अपराधियों को देश के सामने उजागर करने वाले सुहेब इलियासी खुद कभी एक अपराधी बन गए और उन्हें अपनी ही पत्नी की हत्या कर दी. उस अंजू की जिससे शादी करने के लिए सुहेब ने अपने घर में बगावत की थी.

सुहेब इलियासी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की. इसके बाद वो लंदन चले गए. वहां उन्होंने टीवी एशिया में काम किया. वो इस चैनल के प्रोग्राम प्रोड्यूसर रहे.

सुहेब इलियासी और अंजू की प्रेम कहानी

सुहेब, जमील इलियासी के बेटे हैं जो ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के हेड के साथ-साथ कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित मस्जिद के इमाम भी रह चुके हैं. सुहेब और अंजू की मुलाकात साल 1989 में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई थी जहां पर दोनों पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे थे.

अंजू के पिता जामिया में मेटलर्जी विभाग के हेड थे. दोनों के ही परिवारों ने उनके रिश्ते का विरोध किया था. लेकिन लंदन में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दोनों ने 1993 में शादी कर ली. दोनों का निकाह भी हुआ और अंजू ने नया नाम अफसाना रख लिया.

अंजू और सुहेब अक्टूबर 1994 तक लंदन में ही रहे. जब दोनों देश लौटे तो अंजू ने सुहेब के साथ रहने से इनकार कर दिया और छह महीने बाद लंदन में अपने भाई के पास वापस चली गईं. अंजू के भाई की मानें तो वो सुहेब से तलाक चाहती थीं, लेकिन पति ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. अप्रैल 1994 में सुहेब लंदन गए और एक महीने बाद दोनों साथ भारत लौटे. 1995 में अंजू ने बेटी आलिया को जन्म दिया.

अंजू की जगह सुहेब इलियासी बन गए एंकर

लंदन में रहने के दौरान ही सुहेब को ‘इंडियाज मोस्ट वॉन्टेड’ का आइडिया आया जो कि ब्रिटिश शो ‘क्राइमस्टॉपर्स’ से प्रेरित था. शुरुआत में कुछ पायलट एपिसोड्स में अंजू ने इस शो को एंकर किया, लेकिन मार्च 1998 में जब शो ऑन एयर हुआ तो सुहेब इलियासी इसके एंकर बने. अंजू फिर से इलियासी को छोड़कर अपनी बहन के पास कनाडा चली गईं.

सुहेब इलियासी अक्टूबर 1998 में कनाडा गए और उन्होंने अंजू से गुहार लगाई कि वो वापस आ जाएं. इलियासी ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर आलिया प्रोडक्शन कर लिया और इस प्राइवेट कंपनी में 25 फीसदी शेयर अंजू के नाम कर दिए. अंजू फरवरी 1999 को वापस देश लौटीं और उन्होंने पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में एक फ्लैट खरीदा जिसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ थी.

दिसंबर 1999 में अंजू और सुहेब इस फ्लैट में शिफ्ट हो गए. दोनों ने प्लान किया था कि नए फ्लैट में 16 जनवरी को अंजू का 30वां बर्थडे मनाया जाएगा और एक ग्रैंड पार्टी भी दी जाएगी.

फिर वो हुआ जो किसी ने भी नहीं सोचा था

ऐसा कुछ हो पाता इससे पहले ही 10 जनवरी 2000 को अंजू की रहस्यमय हालत में मौत हो गई. पहले तो सालों तक इसे आत्महत्या माना गया, लेकिन बाद में ये हत्या साबित हुआ और 20 दिसंबर 2017 को दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने सुहेब इलियासी को पत्नी की हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई.