बीजेपी पर भारी पड़ने लगा है कांग्रेस का सोशल सेल, 2019 तक मार करेगा ये वाट्सएप ब्रह्मास्त्र

नई दिल्ली: जैसे जैसे 2019 नज़दीक आ रहा है कांग्रेस की सोशल मीडिया में उपस्थिति और मजबूत हो जा रह है. पार्टी की तरफ से जबरदस्त संदेश आ रहे हैं और तर्क ऐसे कि सालों के प्रचार को धराशायी कर दें. अब वाट्सएप पर नया मैसेज आया है. मैसेज तेज़ी से वायरल हो रहा है और अचरज की बात ये हैं कि इसके जवाब में कम ही टिप्पणियां आई थीं. हम लेकर आ रहे हैं आपके लिए पूरा मैसेज …

शीर्षक : भक्त के हर सवाल पर देश भक्त का जवाब.

आप आलोचक की हद को पार करके घृणित-निंदक बनकर PM की आलोचना कैसे कर सकते हैं?

देशभक्त का जवाब:- PM देश नहीं होता, देश pm से बड़ा है, और देशहित में सवाल उठाना और गलत नीतियों की निंदा करना अनिवार्य है और जब PM किसी पार्टी के चुनाव प्रचार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले, योजनाओं का लालच दे तो ऐसे pm की आलोचना करना गलत कैसे हो सकता है, देश का संविधान आपको सवाल करने , तर्क वितर्क करने और सबूत मांगने की आज़ादी देता है,.

भक्त का सवाल:- आप उस व्यक्ति की आलोचना कर रहे हैं जो लगभग 15 सालों से CM के बाद, अब PM रहते हुए भी अपनी सैलेरी राष्ट्र को दान करता आ रहा है PM हाउस में अपना खर्चा स्वं उठाता आ रहा है.

देशभक्त का जवाब:- अगर 15 साल CM रहते व् PM रहते सैलरी राष्ट्र को दान कर रहे थे तो ये रोज़ नए कपडे, हवाई यात्रा, चुनाव के खर्च कौन कर रहा था, अडानी या अम्बानी और इसके बदले में उन्हें क्या मिला, ऐसी बे सर पेर की बाते न करे.

भक्त का सवाल:- Pm की निंदा-रस में डूबते समय क्या आपको खयाल आया है कि क्या आपने कभी 1 महीने की सैलेरी राष्ट्र को दान किया है?

देशभक्त का जवाब :- हम हर महीने ईमानदारी से टैक्स भरते हैं , जिसे हमारे नेता मज़े से उड़ाते हैं. हर महीने की सैलेरी दान का ढोंग वही कर सकता है जिसके पास ऊपर की कमाई हो. ईमानदार तो टैक्स दे सकता है और कुछ हिस्सा दान कर सकता है.

भक्त का सवाल:- ₹-240 की LPG-Subsidy तो आप छोड़ नहीं पाते, बाकी. क्या आप में हिम्मत है 1 साल की सैलेरी राष्ट्र को दान कर दें?

देशभक्त का जवाब:- सब्सिडी क्या ? देश पर अपने बच्चे कुर्बान करते हैं, बताओ कितने नेताओ के बच्चे सीमा पर शहीद हुए, गरीब की क़ुरबानी को सब्सिदी से तौलते हैं ये फ़र्ज़ी राष्ट्रवादी.

भक्त का सवाल:- तो फिर आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो 15 सालों से ये सब करता आ रहा है?

देशभक्त का जवाब:- सही को सही और गलत को गलत कहना निंदा है तो निंदा होगी,निंदा से इतना डर क्यों , कोई इंसान परफेक्ट नहीं होता, निंदा होगी तो सुधार होगा अगर कोई निंदा पर ध्यान दे तो. और अगर साहब के 15 साल के कुकार्य गिनवा दिए तो लड़ने मारने लगोगे, गाली गलौच पर उतर आते हैं भक्त.

भक्त का सवाल:- 3 बार गुजरात का CM रहने के बावजूद किसके पास कोई बड़ी संपत्ति नहीं है, परिवार को भी जिसने VIP सुविधाओं से महरूम कर रखा है.

देशभक्त का जवाब:- ये सही हो सकता है कि निजी कोई बड़ी संपत्ति न ही! लेकिन शानो शौकत किसी राजा से कम कभी नहीं रही, तो ये पैसा कहाँ से आरहा था, रही बात परिवार की तो ये तो सभ्यता की बात है, परिवार का मतलब है हर हाल में साथ रहना, साहब ने परिवार को अलग कर खुद security भी ले रखी है और पूरी सुविधाये भी, खैर उनके पारिवारिक जीवन की बात तो न ही करे अच्छा नहीं लगेगा सब कहना.

भक्त का सवाल:- जिस PM के विदेशी दौरों को आप सिर्फ घूमने फिरने का नाम देते हैं जबकि असली उदेश्य व्यापारिक समझौते और आपसी सम्बन्ध को सुधारना होता है.

देशभक्त का जवाब:- जिन देशों में वो घूम रहे हैं उनसे हमारे सम्बन्ध पहले भी खराब नहीं थे, और जिनसे ख़राब थे उनके दौरे करके और ख़राब हो गए , रही बात व्यापारिक समझोतों की तो हम सहमत है कि अडानी अम्बानी और अन्य बड़े व्यापारी जिन्होंने साहब का चुनाव स्पॉन्सर किया उनका ऋण तो उतारना पड़ेगा, pm देश के लिए चुना था , बाहर के लिए विदेश मंत्री है. लेकिन रिलायंस की नौकरी आसान नहीं कभी रिलायंस के किसी सेल्स वाले से बात करना यही हाल रहता है, दिन रात टूर और नींद रेल में. प्राइवेट कंपनी तो प्रॉफिट निचोडेगी.

भक्त का सवाल:- एक 66 साल का व्यक्ति 6 दिन में 5 देशों की यात्रा करता 40 महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेता है. देश का पैसा बचाने के लिए ऐसी प्लानिंग करता है जिससे होटल में कम से कम रुका जाए, और, फ्लाइट में नींद पूरी की जाये. उसके दौरे को आप सिर्फ भ्रमण का नाम देते हैं?

देशभक्त का जवाब:- ज़रा इन यात्राओं का कुल खर्च का ब्यौरा निकालो, वैसे तो बहुत झोल है, आपको सिर्फ सरकारी खर्चे का अनुमान मिलेगा , उसका क्या जो उनके स्पॉन्सर खर्चा करते हैं. पहली बार Pm खुद जा जा कर देश के ठेके बाहर की कंपनी को दे रहे हैं, यहीं रह कर टेंडर निकाल देते , दुनिया भर की कंपनी यहीं आजाती.

भक्त का सवाल:- वैश्विक मंदी और ख़राब मौसम की मार झेलने की बाद भी देश पर आंशिक प्रभाव पड़ा है. और देश आगे बढ़ रहा है, क्या इतना काफी नहीं है? काँग्रेस द्वारा 60+ सालों से किये गये गड्ढे क्या 2 साल में भर जायेंगे? अभी तक कांग्रेस की सरकारों से अगर 25% भी हिसाब माँगा जाता, तो ये दिन देखने नहीं पड़ते.

देशभक्त का जवाब :- कांग्रेस ने जो गढ्ढा किया साहब उन्हें कतई भर नहीं रहे बल्कि गड्ढे को और बड़ा और गहरा कर रहे हैं. एक गलत काम दूसरे गलत काम का आधार नहीं बन सकता, अब तक आपके साहब ने कांग्रेस की एक भी योजना बंद नहीं की , न ही किसी कांग्रेसी नेता को जेल भेजा, 3 साल में गढ्ढा नहीं भर सकता, तो कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ केस तो हो सकता था , एक आध को सजा तो हो सकती थी?

भक्त का सवाल:- अगली बार PM की निंदा करने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें और- अपने आप से तुलना करें कि जिसकी आप निंदा कर रहे हैं, क्या उसके पैरों की धूल के बराबर आप हैं या नहीं?

 देशभक्त का जवाब:- यही आपकी गलत फहमी है, जनता पैरो की धूल नहीं होती, गणतंत्र में जनता सर्वोपरि है, और चुने हुए नेता जनता के पैरों की धूल है, जब चाहे बदल दे जनता. नेता की जनता से कोई तुलना नहीं, जनता नेता बनाती है और हटाती है.

भक्त का सवाल :- कितने शर्म की बात है.. एक तरह जिस व्यक्ति को सारा विश्व सम्मान दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं.

देशभक्त का जवाब :- मीडिया मैनेजमेंट और पैसा खर्च कर के लोगो में भृम फैलाना सिर्फ भक्तो को समझ नहीं आता, देशभक्तो को साफ दीखता है कि हो क्या रहा है.

(देशभक्त का भी निवेदन है कि अब इस पोस्ट को ज्यादा से ज़्यादा शेयर करिये निवेदन है की इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें और अपने देश के प्रधानमंत्री की गरिमा को मज़बूत बनायें  आप सबसे निवेदन है, यह मैसेज अपने सभी व्हाट्सएप्प कांटेक्ट ओर फेसबुक पर जरूर शेयर करे. और उन सभी को कहे की आप भी अपने व्हाट्सएप्प कांटेक्ट ओर फेसबुक दोस्तों में शेयर करे, हम सब बलिदान ना सही पर देश के लिए एक छोटा सा काम तो कर ही सकते हैं ! ज़रूर भेजिए देश को हकीकत जानना चाहिए )