ट्रेन में वाट्सएप के ज़रिए कराई गई डिलीवरी, थ्री ईडियट्स वाला सीन हुआ रिपीट

नई दिल्ली: हम जो आपको खबर बताने जा रहे हैं वह फिल्म थ्री इडियट्स से मिलती जुलती है. खबर अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस रेल की है, जहां बीते शुक्रवार को एक एमबीबीएस के छात्र ने चलती रेल में एक महिला की प्रसव में मदद की. इस काम के लिए 24 साल के नौजवान ने व्हाट्सएप के जरिए अपने सीनियर को हालात की जानकारी दी और इस काम को अंजाम दिया.

एमबीबीएस की पढ़ाई के आखिरी दौर से गुजर रहे 24 साल की चंद्रलेखा की प्रसव में मदद की. विपिन ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि नागपुर से तीस किलोमीटर पहले चंद्रलेखा के परिवार वालों ने रेल की चेन पुलिंग की और वर्धा के नजदीक एक हॉल्ट पर रेल को रोका गया. जिसके बाद टीटीई और गार्ड्स ने एक डॉक्टर की तलाश शुरू की लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाया तब मैंने मदद की पेशकश की.

विपिन ने बताया कि जब वह मदद को पहुंचे तो चंद्रलेखा का खून बह रहा था और उन्हें तेज दर्द हो रहा था. मामले को देखते हुए दूसरे पैसेंजर्स ने रेल के उस डिब्बा को खाली कर दिया और डिब्बा को प्रसव रूम में तब्दील कर दिया गया.

विपिन ने हालात को देखते हुए वहां की तस्वीरे डॉक्टर्स के व्हाट्सएप ग्रूप में शेयर करनी शुरू की. विपिन ने कहा कि शिखा मलिक नाम की एक सीनियर डॉक्टर ने चंद्रलेखा की प्रसव में उनकी मदद की. एमबीबीएस के छात्र ने कहा कि चंद्रलेखा के खून को रोकने के लिए उन्होंने पानी के ठंडे बोतल का इस्तेमाल किया. रेल में एक दाई ने विपिन की मदद की. विपिन ने कहा कि एक डॉक्टर ने कहा कि हर डॉक्टर को यह पता होना चाहिए कि प्रसव के दौरान कैसे एक महिल की मदद की जाती है.

इस पूरे वाकये के बाद जब रेल नागपुर पहुंची वहां लेडीज डॉक्टर्स की टीम चंद्रलेखा को हॉस्पिटल ले गई.