केजरीवाल की दिल्ली में 44 गरीबों की मौत

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में 6 दिन में 44 लोगों की मौत गरीबी के कारण हो गई है. सीएचडी सेंटर फॉर होलिस्टिक डिवेलपमेंट नाम की संस्था ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में बेघर लोगों की हालात बिल्कुल ठीक नही हैं. संस्था के मुताबिक ये आंकड़े गृह मंत्रालय की वेबसाइट के हैं. सीएचडी के मुताबिक ये आंकड़े उन लोगों के हैं जिनके शवों को पुलिस ने सड़कों से उठाया. अब तक केवल जनवरी में 44 बेघरों के शव को उठाया गया है.

इस आंकड़े के सामने आत ही बेघरों की मौत पर दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे कपिल को एक और मुद्दा मिल गया. उन्होंने ट्वीट किया- जब दिल्ली के मालिक अंडमान में छुट्टियां मना रहे थे तब दिल्ली की सड़कों पर बेघरों की मौत हो रही थी. कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस साल डीयूएसआईबी का बजट 9 करोड़ रुपये किया है और महज दिखाने के लिए 2-3 रैन बसेरे बनाकर ट्विटर-फेसबुक पर दोगुना प्रचार किया है. इसी के नाम से जगह-जगह वोट मांगे जा रहे हैं, जबकि 44 मौतें दर्शाती हैं कि जमीनी हालात बहुत ज्यादा अमानवीय है.

वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली वासियों से अपील की कि वह अपने घरों से बाहर निकलें बेघरों की मदद करें और दिल्ली को महज अरविंद केजरीवाल के भरोसे ना छोड़ें क्योंकि वह सरकार चलाने में पूरी तरह फेल हैं.

DUSIB के बिपिन राय ने कहा कि सारी मौतों को दिल्ली पुलिस होमलेस जोड़ देती है जबकि काफी सारी मौत एक्सीडेंट से भी होती है. DDA और एम्स से हमें जमीन दें, हम दिल्ली में और ज्यादा शेल्टर होम बनाएंगे. हम लोग पूरी मेहनत और कोशिश कर रहे हैं.