ब्लू व्हेल पर रोक नहीं लगा सकती केन्द्र सरकार, पेरेन्ट्स के लिए जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली: ब्लू व्हेल गेम पर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं दिल्ली हाईकोर्ट में आज सरकार ने कहा कि वो ब्लू व्हेल गेम पर रोक नही लगा सकती. सरकार ने कहा कि उसने पेरेन्ट्स के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है . उम्मीद है पेरेन्ट्स इसपर कुछ करेंगे. मोदी सरकार का ये रुख हैरान करने वाला है क्योंकि चीन गूगल पर रोक लगा चुका है लेकिन हाईकोर्ट में केन्द्र ब्लू व्हेल पर रोक लगाने में असमर्थता जता रही है. हाइकोर्ट मे याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि उन्होंने और सर्कुलर जारी किया है और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के माध्यम से विज्ञापन भी दिया है कि ये खतरनाक गेम है लिहाज़ा पेरेंट्स अपने बच्चों को इससे दूर रखें

दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट मे कहा कि अभी तक दिल्ली मे ब्लू व्हेल गेम से किसी की मौत नही हुई है.और ये गेम वन टू वन लिंक्स को शेयर करके भेजा जा रहा है,न तो ये गूगल एप्प पर है और न ही ऑनलाइन मौजूद है.12 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

दूसरी तरफ ब्लू व्हेल को लेकर गूगल याहू और फेसबुक को भी हाईकोर्ट से फटकार लगाई गई. ये कंपनियां इस बारे में कोई फॉर्मूला लेकर नहीं आ सकी थीं.

केन्द्र सरकार का तर्क था कि ये गेम लोक लिंक के ज़रिए एक दूसरे से शेयर कर रहे हैं. यही वजह है कि इसे पकड़ा नहीं जा सकता. (ऐसा कौन सा लिंक है जिसे ब्लॉक करना सरकार के लिए संभव नहीं )

दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें अदालत से आग्रह किया गया है कि वह गूगल, फेसबुक और याहू जैसी कंपनियों को चैलेंज आधारित आत्महत्या खेल ‘ब्लू व्हेल’ के लिंक हटाने का निर्देश दे जिसके चलते कथित रूप से दुनिया के कई देशों में अनेक बच्चों ने खुदकुशी कर ली है.

याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने भारत और दूसरे देशों में बच्चों की मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए अदालत से कहा कि वह इंटरनेट की प्रमुख कंपनियों को ब्लू व्हेल चैलेंज से जुड़ी कोई भी सामग्री अपलोड करने से रोके. सिंह ने अदालत से आग्रह किया कि वह दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी करे कि वह इस पर निगरानी रखने के लिए पांच सदस्यों की एक समिति नियुक्त करे कि इंटरनेट कंपनियां अदालत के निर्देशों की तामील कर रही हैं.