ये लेफ्ट सरकार का घोटाला है, पूंजीपति टाटा को वामपंथियों ने गैर कानूनी तरीके से करोड़ों की ज़मीन दी

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को ख़ारिज करते हुए सिंगुर में नैनो प्रोजेक्ट के लिए टाटा मोटर्स के जमीन अधिग्रहण को गैरकानूनी मानते हुए रद्द कर दिया है.

जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में घपला पाए जाे के  बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिगृहित ज़मीनें किसानों को अगले 12 हफ्ते में वापस की जाए.

अदालत के मुताबिक ज़मीन अधिग्रहण कलेक्टर ने भूखंडों के अधिग्रहण के संबंध में किसानों की शिकायत की ठीक से जांच नहीं की.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार एक कंपनी के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रही थी . इसे सार्वजनिक कैसे माना जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि जो मुआवजे की रकम सरकार ने दी थी उसे किसान अपने पास रख लें उन्होंने 10 साल तक भूमि का उपयोग नहीं किया है य़े उसका मुआवजा है.

पश्चिम बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार ने साल 2006 में टाटा की नैनो परियोजना के लिए एक हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था.

इसके बाद वहां टाटा मोटर ने अपनी सबसे सस्ती कार नैनो की फैक्टरी लगाई. उनकी योजना उस फैक्टरी से हर साल 2,50,000 कार तैयार करने की थी.

शुरुआती पूंजी निवेश के बाद वहां वाहन बनाने वाली और कई छोटी-मोटी फैक्टरियां भी लगी थी, जो कार के लिए सहायक उपकरण तैयार करनेवाली थी.

सिंगुर में जबरदस्त आंदोलन हुआ और सरकार ने दमन का सहारा भी लिया. बड़ी संख्या में वामपंथी बुद्धिजीवी भी सिंगुर मामले पर सरकार के खिलाफ खड़े नज़र आए.

लेकिन फैक्टरी सिर्फ दो महीने चली. हिंसक विरोध के बाद टाटा को उस जगह से निकल जाना पड़ा.