विस्फोटक मामले में योगी सरकार पर भी उठ रहे हैं सवाल, जांच के बाद सामने आएगा सच

नई दिल्ली : यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के मामले में अब शक थोड़ा गहरा होने लगा है. पहले तो विस्फोटक ऐसा जिसे आधुनिक डिटोनेटर के बगैर उड़ाया ही नहीं जा सकता. जानकारों का कहना है कि किसी को विस्फोटक विधानसभा में वारदात के मकसद से ले जाना होता तो वो पावडर के रूप में नही ले जाता. इस तरह के विस्फोटक पानी की बोतल में घोलकर ले जाना भी संभव है.

यानी विस्फोटक प्लांट करके कोई वारदात करना मकसद नहीं था . इसके बाद सवाल उठता है कि तो क्या मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना था. इस नज़रिए से दो लोगों पर शक जाता है. एक तो वो जो ये संदेश देना चाहता हो कि हमारी पहुंच बहुत अंदर तक है. आज पावडर पहुंचाया कल बम भी पहुंचा सकते हैं. दूसरा खुद सरकार यानी उत्तर प्रदेश सरकार. सरकार पर सवाल उठाया है आम आदमी पार्टी ने .  पार्टी ने इसे योगी सरकार की चाल बताया है. आप ने कहा इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की जा चुकी थी.

आप के आरोप हवा हवाई हों ऐसा भी नहीं है. अगर शक करना है तो ये भी किया जा सकता है कि उस दिन विधानसभा के वो कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे जिनमें विस्फोटक रखने वाले की तस्वीर दिखाई दे सकती थी.

पार्टी प्रवक्ता और यूपी प्रभारी संजय सिंह के मुताबिक यूपी विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ मिलने की खबर को सीएम योगी की चाल है. उनके मुताबिक बजट पर विधानसभा में कोई चर्चा न हो इसलिए ये सब प्लांट करवाया गया है.

संजय सिंह के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में छात्रों को लैपटॉप देने का वायदा किया था लेकिन हाल में पेश किये गए बजट में योगी सरकार ने शिक्षा के मद में कटौती कर छात्रों के साथ विश्वासघात किया है. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में शिक्षा के बजट घटाकर प्रदेश की जनता के साथ सरकार मजाक कर रही है. ऐसा लगता है भाजपा सरकार अपने नेताओं के चल रहे प्राइवेट स्कूलों को बढावा दे रही है.