मोदी राज में यूनिवर्सिटी बन रही हैं चंडूखाना, जानिए कौन-कौन सी यूनिवर्सिटी का है बुरा हाल

नई दिल्ली: JNU को सख्त नापसंद करने वाली बीजेपी के नेता जिस तरीके की यूनिवर्सिटी देश में देखना चाहते हैं उनका रिपोर्ट कार्ड आंखें खोल देने वाला है. यूजीसी ने देश की दिग्गज यूनिवर्सिटीज के गिरते स्तर पर चिंता जताई है. ये यूनिवर्सिटीज ‘नाम बड़े दर्शन छोटे’ वाली कहावत को सही साबित कर रही है. इन यूनिवर्सिटीज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी समेत 11 विश्वविद्यालय हैं. इन विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन औसत से भी नीचे है. सरकार ने यूजीसी को इन यूनिवर्सिटीज की अकादमिक और शोध गुणवत्ता के ऑडिट का आदेश दिया है.

इनमें पॉडिचेरी यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू समेत 11 यूनिवर्सिटीज का ऑडिट किया जाएगा. इनमें हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ, सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान, डॉ. हरी सिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर, त्रिपुरा यूनिवर्सिटी और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय शामिल है.

एक अधिकारी ने बताया, ‘ऑडिट के लिए यूजीसी को सूची सौंप दी गई है. अभी तक कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है. पहले यूजीसी ऑडिट का क्राइटेरिया सेट करेगी, फिर काम शुरू करेगी. ऑडिट का मुख्य उद्देश्य अकादमिक गुणवत्ता, शोध, गतिविधियां, रिसर्च आउटपुट के बारे में जानकारी जुटाना होगा.’

यूजीसी के सूत्रों के मुताबिक, इस टीम में 3 सदस्य होंगे. यह टीम छात्रों के परिणाम व उनके प्लेसमेंट रेकॉर्ड का भी डेटा खंगालेगी. टीम इस क्राइटेरिया पर काम शुरू कर मिनिस्ट्री को रिपोर्ट से अवगत करवाएगी.

एक अधिकारी ने बताया, ‘कुछ यूनिवर्सिटीज पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है. अकादमिक और शोध गुणवत्ता का देश की शिक्षा व्यवस्था पर खासा असर पड़ता है. इसके अलावा कोर्स रिव्यू व नए कोर्स से जुड़े तमाम ऐसे पहलू हैं, जिनका समय-समय पर रिव्यू किया जाना बेहद जरूरी है.’

सूत्रों ने बताया कि कुछ और नॉन पर्फॉर्मिंग यूनिवर्सिटीज की पहचान होने के बाद ऑडिट कार्यक्रम बढ़ाया जाएगा. यह ऑडिट इस साल मार्च के अंत में या अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक शुरू होने की संभावना है. ये ऑडिट कब तक चलेंगे, इसे लेकर अभी कोई समयसीमा जारी नहीं की गई है.