5000 करोड़ का कर्ज नहीं चुकाया ? दो और नामी कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर

नई दिल्ली : भारत में एक के बाद एक कंपनियां डिफॉल्टर हो रही है. हालात ये हैं कि बरसों पुरानी कंपनी ए रीड एंड टेलर और उसकी पेरेन्ट कंपनी एस. कुमार्स ने नेशनवाइड बैकरप्सी कोर्ट का रुख कर लिया है.

इकोनॉमिक टाइम्स ने दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से ये बात कही है. रीड ऐंड टेलर को कभी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन एंडोर्स करते थे. और एस कुमार्स की भारत में करीब 25 साल से धाक है.

एस. कुमार्स नैशनवाइड के प्रमोटर नितिन कासलीवाल को ज्यादातर बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों ने विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला) घोषित कर दिया है, इसलिए वह रेजल्युशन प्लान में भाग नहीं ले सकेंगे. आईडीबीआई बैंक ने एस. कुमार्स के खिलाफ इन्सॉल्वंसी प्रोसिडिंग्स शुरू की जबकि एडवलाइस ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी रीड ऐंड टेलर (इंडिया) को इन्सॉल्वंसी कोर्ट में घसीट लाई.

एक सीनियर ऑफिस ने बताया, ‘कर्ज देनेवाले बैंक और अन्य संस्थान, दोनों कंपनियों के लिए व्यापक डेट रीस्ट्रक्चरिंग पैकेज पर विचार कर रहे हैं क्योंकि रीड ऐंड टेलर और एस. कुमार्स नैशनवाइड के एक-दूसरे से जुड़े हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए दोनों कंपनियों के लिए एक ही रेजल्युशन प्रफेशनल नियुक्त करने का फैसला किया गया है.’