20 हज़ार की गिफ्ट के चक्कर में दोबारा लिए सात फेरे, योगी की योजना में घोटाला


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ग्रेटर नोएडा :  यूपी में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ में बड़ा घोटाला सामने आया है. यह योजना राज्य की गरीब बेटियों की शादी के लिए शुरू की गई है. हालात ये है कि दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में 11 जोड़ों ने पहले से शादीशुदा होते हुए भी 20 हजार की रकम, जूलरी और गिफ्ट के चक्कर में फिर से ‘सरकारी शादी’ रचा ली.

सिर्फ ग्रेटर नोएडा में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी ऐसे मामले सामने आ रहे है. औरैया में 55 कन्यायों का विवाह कराया गया. 25 नई नवेली दुल्हनों ने जिला मुख्यालय जाकर प्रोग्राम में नकली जूलरी देने का आरोप लगाया. चांदी की जूलरी लोहे की निकली. दुल्हनों ने कहा कि 35-35 हजार रुपये देने की बात कही गई थी, लेकिन व्यवस्था के नाम पर 15-15 हजार रुपये काट लिए गए.

फर्रुखाबाद में 88 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराए गए. लेकिन इनमें पहले से विवाहित 3 जोड़ों की फिर शादी करा दी गई. पोल खुलने पर अफसरों ने दान का सामान वापस मंगाया. बैंक खातों में भेजे गए पैसों की रिकवरी चल रही है.

इनमें से 3 जोड़ों के तो पहले से कई-कई बच्चे हैं. नवभारत टाइम्स ने बाकायदा एक स्टिंग ऑपरेशन भी किया. स्टिंग में ये जोड़े और उनके बच्चे पहले से शादीशुदा होने की बात कह रहे हैं. माना जा रहा है कि अन्य गांवों में भी ऐसे जोड़े हो सकते हैं. 24 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के वाईएमसीए क्लब में 66 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ था. एनबीटी ने शादीशुदा जोड़ों की पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया. दनकौर के पास चीती-नंगला में 11 जोड़ों की फर्जी शादी सामने आई है.

इनमें एक ऐसा शख्स भी है जो न्यू ग्रेटर नोएडा की एक मल्टिनैशनल कंपनी में जॉब करता है और दो बच्चों का पिता है. उसकी तीसरी बेटी की मौत हो चुकी है. 6 साल पहले शादी हुई थी. इसी गांव में रविंद्र उर्फ कल्लू और उनके चचेरे भाई विनीत भी शादीशुदा हैं. एनबीटी टीम उनके घर पहुंची, तो विनीत की मां ने गोद में अपना पोता लिया हुआ था. पूछने पर बताया कि ये विनीत का लड़का है. वहीं रविंद्र के भी दो बच्चे मौके पर मिले, जिन्होंने पूछने पर अपने पिता का नाम भी बताया. इनमें बड़े बेटे की उम्र करीब 10 साल है. रविंद्र की करीब 12 साल पहले शादी हुई थी.

इसी तरह मोहित की पिंकी से और बंटी की सोनिया से शादी हुई है. गांव की एक महिला उनके पहले से शादीशुदा होने की बात पर मुस्कुरा दी, जबकि एक बुजुर्ग ने सचाई बता दी. हालांकि मोहित के पिता दयाचंद का कहना है कि उनके बेटे और पड़ोसी बंटी पहले से शादीशुदा नहीं हैं. चीती निवासी नरेंद्र उर्फ नंदू का कहना है कि गांव के राजेश, सोबिंद्र, बंटी, मोहित, नंगला के रविंद्र, विनीत और नवीन समेत कई युवक पहले से शादीशुदा थे.

सरकारी लाभ लेने के लिए दोबारा से सरकारी शादी की गई. ये सभी गरीबी रेखा से भी ऊपर हैं. इस घोटाले में ग्राम प्रधान का पति भी शामिल है. बता दें कि फर्जी जोड़ों को आशीर्वाद देने के प्रोग्राम में केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, दादरी विधायक तेजपाल नागर, जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, डीएम और डीआईजी समेत कई अफसर पहुंचे थे.

दंपती को यह मिलता है सामूहिक शादी में

सभी कपल्स को जूलरी व अन्य गिफ्ट दिए जाते हैं. प्रशासन की ओर से दुल्हन के अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये का चेक भी दिया जाता है. कई एनजीओ भी अपनी ओर से गिफ्ट देते हैं. गौतमबुद्ध नगर में ऐसे जोड़ों को तलाशने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अफसरों पर थी. ग्राम प्रधानों की भी मदद ली गई.

– 250 करोड़ का बजट इस काम के लिए समाज कल्याण विभाग को मिला है

– 55 जिलों में अब तक 5,937 जोड़ों के सामूहिक विवाह इसके तहत कराए जा चुके हैं

– 10 हजार विवाह इस वित्तीय वर्ष में कराने का लक्ष्य तय किया गया है

– 20 जिलों में अभी सामूहिक विवाह के आयोजन किए जाने हैं

(courtsey -NBT)