राहुल को पीछे बैठाने का बीजेपी ने बताया ये कारण लेकिन इस मामले में वो क्या कहेगी ?

नई दिल्ली : स्विटजरलैंड में मोदी भले ही अमेरिका की खुदगर्जी की बातें करके लौटे हों लेकिन भारत मेंउनका और उनकी पार्टी का नज़रिया नफरतों से भरा दिखता है. गणतंत्र दिवस के मौके पर एक साथ दो मामले सामने आए जिनमें बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ अपमानजनक व्यवहार किया.
पहला मामला राहुल गांधी का था. गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी को आगे से छठी सीट पर जगह दी गई. जबकि उनसे आगे स्मृति इरानी को जगह मिली. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सबसे आगे बैठे थे. इसकी आलोचना हई तो बीजेपी ने अजीब सफाई दी. कहा कि राहुल की सुरक्षा के मद्देनजर एसपीजी ने उन्हें पीछे बैठने को कहा क्योंकि वहां से निकलना आसान होता है. मजेदार बात ये है कि बीजेपी ने राहुल को आगे की सीट दी ही नहीं थी . जो जगह राहुल को दी गई वो आगे से चौथी लाइन में थी . एसपीजी ने उसे छठी लाइन में सुरक्षा कारणों से करने को कहा. कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी किसी भी प्रोटोकॉल से पीछे की लाइन में बैठाने की हैसियत नहीं रखते थे.
उस मामले में राहुल गांधी ने देशवासियों के नाम एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने जनता से संविधान की रक्षा करने की अपील की थी. राहुल गांधी ने कहा था कि हमारे युवा देश के इतिहास में इन मूल्यवान प्रतिबद्धताओं की पहले से कहीं अधिक रक्षा किए जाने की आवश्यकता है. इस गणतंत्र दिवस पर हमें आजीवन चलने वाली शपथ को दोहराना चाहिए और अपने संविधान की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने देशवासियों से कहा कि जब कभी भी भारत का संविधान खतरे में पड़े, तो इसकी एकजुटता के साथ रक्षा की जानी चाहिए.
दूसरी अपमानजनक घटना कांग्रेस के नेता एकनाथ खड़से के साथ हुई. खड़से को राष्ट्रपति के एटहोम में बुलाया ही नहीं गया जबकि लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते उनको बुलाया जाना ज़रूरी था.