सरकार (Government) ने इस साल कई मौकों पर दावा किया है कि धारा 370 (Article-370) को खत्म करने और ‘बिना लाइसेंस’ के सुरक्षा अभियान जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतकंवाद को खत्म कर देंगे. इससे युवाओं को ऐसे संगठनों में शामिल होने से भी रोका जा सकेगा. लेकिन News18 के हाथ लगे आधिकारिक डेटा ही उन दावों का खंडन करते हैं. इस डेटा की जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में पिछले 10 वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा आतंकी भर्ती का मामला सामने आया है. आंकड़े बताते हैं कि मारे गए आतंकियों और आतंकी संगठनों में शामिल हुए युवाओं की संख्या के बीच बहुत अंतर नहीं है.
नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से नवंबर के पहले सप्ताह तक सुरक्षा अभियानों में 20 विदेशियों समेत 191 आतंकवादी मारे गए. लेकिन इस दौरान 145 युवाओं ने आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए हस्ताक्षर किए. जम्मू कश्मीर के आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के एक शीर्ष अधिकारी ने माना कि हकीकत में आतंकी संगठनों की समग्र संख्या में मामूली गिरावट आई है. आंकड़े ये बताते हैं कि वर्ष 2018 में कुल 107 एनकाउंटर में 254 आतंकी मारे गए और 210 युवा आतंकी बने. इसकी तुलना में इस साल 86 एनकाउंटर में 191 आतंकी ढेर किए गए और 145 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए. साथ ही 5 से 8 लापता युवक भी आतंकी संगठनों में शामिल हो गए. हालांकि 50 से अधिक अन्य लोग गिरफ्तार किए गए. अधिकारियों का कहना है कि चिनाब और पीर पंजाल घाटियों से भर्तियों की खबरें हैं.
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