मंदिर को लेकर संघ की यात्रा में जुटे कुल सौ लोग, चुनाव के मौके पर छटपटाहट

ताज़ा खबर ये हैं कि संघ के दिल्ली मुख्यालय से शुरू की गई. RSS ने ‘संकल्पह रथ यात्रा’ में सौ लोग भी नहीं जुट सके. यात्रा का आयोजन संघ के प्रकल्प स्वदेशी जागरण मंच ने किया था. विदेशी कंपनियों का विरोध करने वाले इस संगठन के एजेंडे में हालांकि मंदिर नहीं होना चाहिए लेकिन चुनावी छटपटाहट में वो संघ ने हर अंग को झोंक दिया है.
यह यात्रा नौ दिनों तक चलेगी और 9 दिसंबर को दिल्लीअ के ही रामलीला मैदान में संपन्नि होगी. RSS से जुड़ी संस्थाा स्व देशी जागरण मंच ने संकल्पी यात्रा की रवानगी को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया था. RSS को उम्मीवद थी कि इसमें लाखों की तादाद में लोग हिस्सा् लेंगे. खबरों के अनुसार, तमाम आशाओं और उम्मीोदों के विपरीत मुश्किल से 100 लोग ही इस कार्यक्रम में शरीक हुए. इसे RSS को झटके के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, स्वरदेशी जागरण मंच ने कम लोगों के जुटने पर उठे सवालों को टालने का प्रयास किया.
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक कमल तिवारी ने संकल्प यात्रा को शुरू करने के लिए आयोजित समारोह में बेहद कम लोगों के जुटने पर सफाई दी. कमल ने कहा, ‘ये लोग सिर्फ एक खास शाखा के कार्यकर्ता हैं. जल्दक ही अन्य् शाखाओं के 100-200 अन्यो कार्यकर्ता इनके साथ आएंगे. विभिन्नद शाखाओं और विभागों से सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ता इस यात्रा से जुड़ेंगे.’ कमल तिवारी ने बताया कि उन्हेंव उम्मीिद है कि यात्रा के आखिरी दिन (9 दिसंबर) दिल्लील के रामलीला मैदान में 6 से 8 लाख लोग जुटेंगे.
जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं राम जन्मभूमि को लेकर संघ की बेचैनी बढ़ने लगी है.तथाकथित गैर राजनीतिक संगठन राष्ट्री य स्व यंसेवक संघ (RSS) का हर संगठन और हर संस्ता राम मंदिर के मुद्दे को गरमाने में लगा है. इतना ही नहीं इस मसले पर कानून लाने के नाम पर भी दबाव बनाया जा रह है.
लेकिन जन समर्थन का हाल उतना अच्छा नहीं है. एक राष्ट्रीय चैनल ने लिख तो दिया कि मंदिर का माहौल बन गया है लेकिन संघ के सभी कार्यक्रम एक के बाद एक पिट रहे हैं. हाल ही में अयोध्या में हुए कार्यक्रम में भी मंदिर को लेकर उत्साह ठंडा रहा .

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