एलपीजी सब्सिडी पर ये है बुरी खबर, उपभोक्ताओं को होगा बड़ा नुकसान

सीकर: वित्तीय वर्ष की समाप्ति में तीन दिन शेष है और एक अप्रेल से सब्सिडीइज्ड सिलेंडरों का नया कोटा लागू हो जाएगा, लेकिन जिले में एलपीजी कनेक्शन धारकों की करोडों रुपए की सब्सिडी लैप्स हो जाएगी. कारण जिले के 35 फीसदी उपभोक्ताओं ने सब्सिडी का कोटा पूरा नहीं किया है. मौजूदा मार्च माह की सब्सिडी के अनुसार राशि का आंकड़ा 48 करोड़ 42 लाख रुपए तक पहुंच जाएगा. वहीं 17 फीसदी उपभोक्ताओं को बकाया तीन माह की सब्सिडी नहीं मिल पाई है. हालांकि पेट्रोलियम कम्पनियां उपभोक्ताओं से सब्सिडी वाले सिलेंडर उपलब्ध कराने की बात कह रही है लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी ट्रांसफर नहीं हो पा रही है. गौरतलब है कि जिले में तीन लाख 90 हजार से ज्यादा उपभोक्ता है. रसोई गैस की 41 गैस एजेंसी संचालित हो रही है.

यह है कारण

घरेलू गैस उपभोक्ता का रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर काम नही कर रहा या गुम हो गया है तो वह दूसरे किसी भी मोबाइल नम्बर से सिलिंडर की बुकिंग करवा सकता है. तीनों ऑयल कम्पनियों ने उपभोक्ताओं को यह सुविधा दे रखी है. अधिकतर लोग इसके बारे में नहीं जानते और कुछ गैस एजेंसियां और डिलीवरीमेन इस सुविधा का फायदा उठाकर उपभोक्ताओं के हिस्से के सिलिंडर बाजार में बेच रहे हैं. पांच दिन में नहीं आए तो करें शिकायत कालाबाजारी करने वाले और एजेंसियां एेसे सिलिंडर पर 100 से 150 का मुनाफा कमा रही हैं. कम खपत वाले निशाने परअब तक आईं शिकायतों के मुताबिक, कालाबाजारी करने वाले उन्हीं उपभोक्ताओं को निशाना बना रहे हैं, जिनके घरों में सिलिंडर की खपत कम है. ऐसे लोगों को साल भर में अधिकतम आठ से दस सिलिंडर की जरूरत होती है, जबकि सरकार 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी देती है.

डीबीटीएल की सब्सिडी

वित्तीय वर्ष पूरा होने के साथ ही बकाया सिलेंडर लैप्स हो जाएंगे. इसके अलावा बकाया चल रही सब्सिडी भी खत्म हो जाएगी. हालांकि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से सिलेंडर की डिलीवरी के पांच दिन बाद जाती है. सब्सिड़ी ट्रांसफर होने के दो चरणों के बाद भी सब्सिडी नहीं मिलती है तो एजेंसी पर जाकर मैन्यूअली ट्रांसफर किया जाता है. सौजन्य पत्रिका डॉट कॉम