देश के दबाव के आगे झुगा मोदी का ऑफिस, मंच पर मौजूद रहेंगे मेट्रो मैन श्रीधरन

कोच्चि: आखिर दबाव के सामने प्रधानमंत्री कार्यालय झुक गया है. मेट्रोमैन ई श्रीधरन अब मोदी के साथ कोच्चि मेट्रो के उद्घाटन के समय मोदी के साथ मंच पर रहेंगे. इससे पहले मेट्रो मेन और भारत में मेट्रो क्रांति के जनक ई श्रीधरन का अपनाम हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जून को यहां कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन जिसकी मेहनत से मेट्रो बनी है उन ई श्रीधरन को मंच पर जगह नहीं दी गई थी. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. जब दिल्ली मेट्रो का उद्घाटन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने किया था तब भी श्रीधरन को सम्मान मिला था.

पिनारी विजयन की अध्यक्षता वाली केरल सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है, जिसमें उसने विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला और कोच्चि के विधायक पीटी थॉमस के साथ श्रीधरन के लिए भी मंच पर बैठने की व्‍यवस्‍था करने के लिए योजना को संशोधित करने के लिए कहा है.

स्थानीय अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने मंच उपस्थिति के लिए श्रीधरन सहित 14 लोगों को चुना था.

कोच्चि मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एक वरिष्‍ठ अधिकारी एलियास जॉर्ज ने न्‍यूज एजेंसी IANS से कहा कि ‘अंतिम सूची पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) द्वारा बनाई जाएगी. हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है’.  ई श्रीधरन को मंच से हटाने के पीछे उनके उस बयान को वजह माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को फिलहाल बुलट ट्रेन की ज़रूरत नहीं है. मना जा रहा है कि उनके इस बयान को पीएमओ ने मोदी विरोधी माना.

जबतक श्रीधरन ने ये बयान नहीं दिया था तबतक पीएम मोदी उनकी काफी तारीफ किया करते थे. जब वो मेट्रो में बैठे तो मोदी ने बाकायदा श्रीधरन को ट्वीट करके धन्यवाद किया लेकिन इस एक बयान से हालात बदल गये. अब श्रीधरन का अपमान किया जा  रहा है.

प्रधानमंत्री कोच्चि मेट्रो के 27 किलोमीटर लंबे लाइन-1 के 13 किलोमीटर के अलुवा-पलारीवट्टोम खंड पर व्यवसायिक सेवाओं का उद्घाटन करने के लिए कोच्चि आ रहे हैं.

कोच्चि मेट्रो देश में एक आधुनिक शहरी परिवहन प्रणाली होगी जो ना केवल सैकड़ों महिलाओं बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के 23 लोगों को भी रोजगार अवसर उपलब्ध कराकर लैंगिक न्याय के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी.