लेटेस्ट अपडेट : शरद को मनाने में कामयाब नहीं हुए नितीश और जेटली, मीडिया की खबरें गलत

नई दिल्ली : कल से लगातार मीडिया के एक हिस्से में ये बयान आ रहा है कि नितीश कुमार और अरुण जेटली के सी त्यागी की मदद से शरद यादव को मनाने में कामयाब हो गए हैं. कहीं कहा जा रहा है कि शरद यादव को रक्षा मंत्री बनाने पर डील फायनल हो गई है तो कहीं कहा जा रहा है कि 50 करोड़ लेकर शरद यादव  मान गए हैं. इतना ही नहीं एक खबर कहती है कि जेटली ने दोस्ती का हवाला देकर शरद यादव को मना लिया है. शरद यादव के नज़दीकी सूत्रों के मुताबिक शरद यादव ने उन सारी खबरों को बकवास बताया है.

जयंत जिज्ञासु

शरद यादव से मिलकर आए पत्रकार जयंत जिज्ञासु ने लिखा है – “शरद जी से अभी हमारी मुलाक़ात हुई है, तफ़्सील से बात हुई है. किसी के मन में कोई धुकधुकी नहीं होनी चाहिए. वो अपने स्टैंड पर क़ायम हैं, और तमाम तरह के प्रस्तावों के बावजूद वो डिगने वाले नहीं. हम छात्रों-युवाओं ने अपनी भावनाओं, जनाकांक्षाओं व जनापेक्षाओं से उन्हें अवगत करा दिया है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि विपक्ष को कुचलने की हर कुत्सित कोशिश नाकाम की जाएगी. बिहार के जनादेश का सिर्फ़ अपहरण नहीं, बल्कि उसके साथ दुष्कर्म के बाद उसका क़त्ल हुआ है. जो प्रयोग व साहस बिहार की जनता ने दिखाया था, उस भरोसे का ख़ून हुआ है. अभी इस मुल्क में न जाने कितनी घिनौनी साज़िशें रची जाएंगी, पर युवाओं के अदम्य हौसले व बुज़ुर्गों के तज़ुर्बे व उनकी नसीहतों के साथ सियासत की स्वायत्तता को बचाये रखने की मुहिम में हम हर तरह का त्याग करेंगे. ”

जयंत जिज्ञासु के अलावा भी जेडीयू के अली अनवर और अन्य नेताओं को भी शरद यादव ने यही आश्वासन दिया है. लेकिन बहुमत सिद्ध होने के बाद शरद यादव के पास विकल्प क्या हैं.

जो भी है शरद यादव अगर डटे रहते हैं तो नितीश के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी. जाहिर बात है  बिहार में नितीश के हाथ से माई फैक्टर पूरी तरह निकल जाएगा. न तो मुसलमान नितीश पर भरोसा करेंगे न यादव. अगले चुनाव में नितीश जो हैं वो भी नहीं रहेंगे

ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि नितीश ने विश्वास मत तो जीत लिया है लेकिन उनके प्रति विश्वास कहीं नहीं दिखाई दे रहा. उन्होंने शरद यादव को छला, लालू यादव से दगा किया और राहुल गांधी को अंधेरे में रखा.