बीजेपी और मायावती उत्तर प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़ेंगे. दोनों पार्टियों ने 76 सीटों पर गठबंधन किया है जिसमें दोनों 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दी है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यह प्रेस वार्ता पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाली है. हमारे गठबंधन से देश को बहुत उम्मीदें हैं. यह बीजेपी को केंद्र में आने से रोक सकता है. गठबंधन राजनीतिक क्रांति का संदेश देगा. वह बोलीं, “हमारे लिए लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर देशहित है. हमने (बसपा-सपा) ने आने वाले लोकसभा चुनावों को साथ मिलकर लड़ने का फैसला लिया है. देश में इससे नई राजनीतिक क्रांति आएगी.”
उन्होंने बीजेपी के साथ कांग्रेस पर भी जुबानी हमला बोला. बकौल बसपा सुप्रीमो, “बोफोर्स से कांग्रेस और राफेल से बीजेपी ने रक्षा खरीद में भारी घोटाला किया. यह रक्षा घोटाला ही बीजेपी भाजपा को भारी पड़ने वाला है. उनके मुताबिक, कांग्रेस से गठबंधन को फायदा नहीं होगा.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की साझा प्रेस वार्ता शुरू हो चुकी है. दोनों नेता अपनी जगह संभाल चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के साथ मुलायम सिंह को भी शामिल होना था, पर मुलायम नहीं पहुंचे.
इससे पहले, कॉन्फ्रेंस के बैनर-पोस्टर में मुलायम-कांशीराम का फोटो न होने से दोनों ही पार्टी के कुछ पुराने कार्यकर्ता नाराज हो गए. टीवी रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि ये दोनों लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करेंगे, पर सीटों के बंटवारे को लेकर किसी प्रकार की घोषणा नहीं होगी.
दोनों दलों ने पिछले साल मार्च में सार्वजनिक मंच पर गठबंधन को लेकर बात की थी. बाद में लोकसभा के तीन उपचुनावों व एक राज्य के विधानसभा उपचुनाव में प्रयोग के तौर पर गठबंधन किया भी था. नतीजतन बीजेपी गठबंधन के सामने सभी सीटें हार गई थी.
लखनऊ में इस साझा कॉन्फ्रेंस को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. अखिलेश यादव घर से निकल चुके हैं, जबकि सतीश चंद्र मिश्रा ने कॉन्फ्रेंस से पहले होटल ताज पहुंचकर बंदोबस्त का जायजा लिया. वहीं, सपा के किरणमय नंदा और जूही सिंह भी होटल पहुंच चुके हैं. धर्मेंद्र यादव और राजेंद्र चौधरी भी कार्यक्रमस्थल पर उपस्थित हैं.
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