केजरीवाल ने ठिकाने लगाई प्राइवेट स्कूलों की अक्ल, पेरेन्ट्स की बकाया फीस लौटाने के लिए भगदड़

नई दिल्ली: कोई माने या न माने लेकिन अब ये साबित हो गया है कि दिल्ल के स्कूलों को अगर कोई काबू कर सकता है तो वो है अरविंद केजरीवाल. हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद जो स्कूल ज्यादा वसूलीगई फीस लौटाने को तैयार नहीं थे अब उनमें भगदड़ मच गई है. स्कूल जल्दी जल्दी पेरेन्ट्स के पैसे लौटाने लगे हैं. जस्टिस अनिल दवे समिति की सिफारिशों के अनुरूप 9 प्रतिशत ब्याज के साथ बढ़ी फीस वापस लेनी थी . सीएम केजरीवाल ने ज्यादा फीस लेने वाले 449 प्राइवेट स्कूलों को सोमवार से कारण बताओ नोटिस किया. सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि अगर स्कूल फीस नहीं लौटाते तो उन्हें टेकओवर कर लिया जाएगा. शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी नोटिस का जवाब देने के लिए स्कूलों को 2 हफ्ते का समय दिया गया है.

इस बीच दो दर्जन से अधिक स्कूलों ने हाईकोर्ट में मनमाने तरीके से वसूली गई फीस को जमा करा दिया है. बता दें कि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि जो स्कूल बढ़ी फीस की वापसी कर देंगे उन्हें टेक ओवर करने की कार्रवाई नहीं होगी. फिलहाल, ज्यादा फीस वसूलने वाले स्कूलों में फीस वापस करने की होड़ मच गई है.

बता दें कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार देर रात 449 स्कूलों को टेक ओवर करने के पहले शिक्षा निदेशालय को कारण बताओ नोटिस जारी करने की मंजूरी दी थी. इसी के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्कूलों की दलील थी कि छात्र-छात्राओं को फीस लौटाने के क्रम में उनके एड्रेस का पता लगाने में दिक्कत हो रही है. क्योंकि कई लोगों ने अपने मकान बदल लिए हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने मनमानी फीस वसूलने वाले प्राइवेट स्कूलों को टेक ओवर करने के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी थी. इस पर उपराज्यपाल ने अपनी मंजूरी देते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए यदि स्कूलों को टेक ओवर किया जाना बेहतर उपाय है तो सरकार इसे करे. लेकिन, सरकार इस बात का ध्यान रखे कि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो. क्योंकि स्कूलों को टेक ओवर करने के बाद इनका बेहतर संचालन भी बहुत जरूरी है.