मायावती के लिए बीजेपी ने खड़ी कीं मुसीबतें. सावित्री बाई फुले काटेंगी वोट, बीजेपी से इस्तीफा

नई दिल्ली : यूपी में दलित एकता को तोड़ने और मायावती कि दलित राजनीति को खत्म करने के लिए बीजेपी ने नया दांव चला है.  बहराइच से बीजेपी की फायरब्रांड सांसद सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने  पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया है.

सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule resigns) ने इस्तीफा देने के साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा यानी बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है. एक दिन पहले ही भगवान हनुमान के विवाद में कूदते हुए सावित्रीबाई फुले ने सीएम योगी के दावों का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान जी दलित थे. मगर एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी मनुवादियों के गुलाम थे.

सावित्रीबाई फुले ने मंगलवार को कहा, ‘हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे. अगर लोग कहते हैं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था. उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया?

उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया. उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गयी. चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया.’

उन्होंने कहा था, ‘हम तो यह देखते हैं कि अब देश तो ना भगवान के नाम पर चलेगा और नाहीं मंदिर के नाम पर. अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर. हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है. उसमें सभी धर्मो की सुरक्षा की गारंटी है. सबको बराबर सम्मान व अधिकार है. किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार भी किसी को नहीं है. इसीलिये जो भी जिम्मेदार लोग बात करें भारत के संविधान के तहत करें, गैर जिम्मेदाराना बात करने से जनता को एक बार सोचने पर मजबूर करता है.

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