रूस के पास है दुनिया दहला देने की ताकत, भनक लगते ही हिल गया अमेरिका


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नई दिल्ली: अमेरिकी सरकार और पेंटागन ने खा़ड़ी युद्ध के दौरान एक प्रयोग किया था आज ये प्रयोग रुस का सबसे बड़ा हथियार बन गया है. अमेरिका ने उस वक्त इराक को बरबाद करने के लिए बगदाद की सारी बिजली व्यवस्था को ठप कर दिया था वो भी एक साइबर हमले के ज़रिए. अब रूस ने ऐसा हथियार बना लिया है.

ये हथियार अमेरिका के पुराने हथियार से 100 गुना परिष्कृत और अमोघ है. सरकार से जुड़े हैकर्स ने एक ऐसा साइबर वेपन तैयार किया है जो दुनिया के किसी भी देश को अंधेरे में डाल सकता है. अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह हथियार सीधे पॉवर ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकता है. बड़ी बात ये है कि उस वक्त इंटरनेट बेहद शुरुआती दौर में था और अब इंटरनेट की व्यापक मौजूदगी के कारण रूस के पास दुनिया भर के पावर ग्रिड तक पहुंचने के हज़ारों रास्ते मौजूद हैं.

वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, इस मालवेयर को रिसर्चर्स ने क्रैश ओवरराइड नाम दिया है. पिछले साल दिसंबर में इसने यूक्रेन के एक एनर्जी सिस्टम को नुकसान पहुंचाया था. इस घटना में हैकर्स ने कीव स्थित ग्रिड में कुछ देर के लिए पॉवर जनरेशन को शटडाउन कर दिया था.

ड्रैगोस नाम की साइबर सिक्योरिटी फर्म ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि इस मालवेयर को और बेहतर तरीके से डेवलप करके इसे अमेरिका के इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका असर बहुत बुरा हो सकता है. रिसर्चर्स का कहना है कि रूस के हैकरों ने पहले भी अमेरिका के ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम्स को नुकसान पहुंचाने की दिशा में रुचि दिखाई है. इस फर्म को मामले की भनक ट्रंप के चुनाव में रूसी हैकर्स की भूमिका की जांच करते हुए लगी.

जांच के दौरान ड्रैगोस (साइबर सिक्योरिटी फर्म) को पता चला कि चुनाव को नुकसान पहुंचाने के लिए हैकर्स ने जिस कम्प्यूटर सिस्टम का उपयोग किया था उसी सिस्टम से यूक्रेन की पॉवर ग्रिड को नुकसान पहुंचाया गया था. पॉवर ग्रिड पर हुए इस अटैक में करीब 225000 लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा था. रिसर्चर्स ने इस हैकर ग्रुप को इलेक्ट्रम नाम दिया है.

एनर्जी सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों ने इस दिशा में चिंता जताई है. उनका कहना है कि इंडस्ट्री अपने सिस्टम पर अटैक करने वाले हैकर्स को रोकने के तरीके डेवलप करने की दिशा में काम कर रहा है.

सिर्फ पॉवर नहीं, अन्य सिस्टम भी खतरे में

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मालवेयर (क्रैश ओवरराइड) एक स्विस आर्मी नाइफ की तरह है. जिसमें कई तरह के टूल्स होते हैं और आपको जब जिसकी जरूरत पड़ती है आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी इस मालवेयर का उपयोग कर किसी भी इंडस्ट्री (गैस, वॉटर सप्लाई) के सिस्टम को प्रभावित किया जा सकता है.

ऐसे करता है काम

क्रैश ओवरराइड इलेक्ट्रिक पॉवर के कंट्रोल सिस्टम को ओवरराइड करता है. यह सर्किट ब्रेकर जैसे कंपोनेंट्स पर अटैक करता है और उन्हें खोल देता है. इससे इलेक्ट्रिसिटी का फ्लो रुक जाता है. ग्रिड ऑपरेटर इसे बंद करने की कोशिश करे तब भी यह बंद नहीं होता और इस वजह से बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है. इसके साथ ही इसमें एक वाइपर कंपोनेंट होता है जो सर्किट को कंट्रोल करने वाले सॉफ्टवेयर को मिटा देता है. इस मालवेयर के जरिए हैकर कई जगहों पर एक साथ हमला कर सकता है. यानी इससे एक ही समय में कई इलाकों में अंधेरा किया जा सकता है.