आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए रोहित सरदाना ने खेद जताया, किया ये ट्वीट

नई दिल्ली: पिछले एक हफ्ते से मुसलमानों की नाराज़गी झेल रहे रोहित सरदाना ने आखिर नरमी दिखाई है. उन्होंने एक ट्वीट करके लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए खेद व्यक्त किया है. रोहित सरदाना ने सार्वजनिक रूप से किए ट्वीट में कहा कि उन्होंने अपने ट्वीट में किसी धर्म का नाम नहीं लिया था.

उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी की भावनाएं आहत करने के लिए कोई बात नहीं कही. रोहित ने ये भी कहा कि इसे बेवजह तूल देना भी ठीक नहीं है. ये अलग बात है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी ने इस ट्वीट को नोटिस नहीं किया और लगातार दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है
हाल ही में आजतक के पत्रकार और हिंदूवादी एंकर रोहित सरदाना ने पैगम्बर मुहम्मद की बेटी, बीवी और जीज़स क्राइस्ट की मां, मेरी पर ट्विटर अभद्र ट्वीट करके विवादों में घिर गए थे.

पद्मावती फिल्म पर विवाद की संदर्भ में , सरदाना ने इन तीनो के लिए ट्विटर पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किये थे जिस पर लोगों ने सरदाना की यह कह कर क्लास भी लगाई थी के फिल्म बनाने वाले हिन्दू हैं, उसमे काम करने वाले हिन्दू हैं तो तुम उन शख्सियतों को क्यों घसीट रहे हो जिनके मानने वालों का इस फिल्म से लेना देना नही है.

सोशल मीडिया पर विरोध झेलने के बाद, सरदाना की टिप्पणी अब कचहरी तक पहुंच सकती है. दरअसल रोहित सरदाना द्वारा आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किये जाने पर लखनऊ में उनके खिलाफ एक कोतवाली में मामला दर्ज हो गया है जिस पर पुलिस ने कहा है कि वो मामले में छानबीन करेगी.

रोहित के खिलाफ लगातार शिकायतें दर्ज करवाई जा रही हैं. हैदराबाद में पुरानी हवेली इलाके में उनके खिलाफ सड़कों पर भारी संख्या में मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोग उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के बाहर विरोध जताया और नारेबाजी की. पत्रकार की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लोगों ने आरोप लगाया कि उनके ट्वीट्स ईशनिंदा करने वाले हैं.

जोश मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष मीसम खान ने पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले आज तक के पत्रकार रोहित सरदारना के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी थी.

इससे पहले मजलिस ए ओलमा ए हिंद के सभी प्रांतीय सदस्य, मौलाना कल्बे जव्वाद ने रोहित सरदाना द्वारा आपत्तिजनक व अपमानजनक ट्वीट की निंदा की थी. मौलाना ने भारत सरकार और प्रशासन से मांग की थी कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए जो अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धार्मिक पवित्र हस्तियों का अपमान करते हैं. उन्होंने यह भी कहा के रोहित सरदाना का बयान निंदनीय है और उन्हें अपने इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. लेकिन अब जब रोहित ने खेद जताया है तो ये  नज़र अंदाज़ कर दिया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया और भद्र समाज में भी इस टिप्पणी को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है.