केजरीवाल का मैसेज रीट्वीट करके फंसा ये नेता, चलेगा केस

नई दिल्ली : ये फैसला आपके लिए बेहद अहम है. अगर आप किसी के ट्वीट को रीट्वीट करते हैं तो माना जाएगा कि आप उससे सहमत है. अगर ट्वीट करने वाले पर केस चला तो आप भी लपेटे जा सकते हैं. मुकदमा मानहानि हो या राजद्रोह का रीट्वीट करने वाले की ज़िम्मेदारी बराबर की होगी. यही नियम फेसबुक पर लागू होता है.

सुप्रीम कोर्ट ने आज ये फैसला  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को री-ट्वीट करने वाले आप नेता राघव चड्ढा के मामले में किया है . अब राघव चड्ढा पर भी अरुण जेटली की मानहानि का मामला चलेगा. दर असल केजरीवाल ने दिल्ली में जीडीसीए घोटाले के आरोप में कई बातें ट्वीट की थीं जिनके खिलाफ अरुण जेटली ने मानहानि का केस किया. मामले का नोटिस राघव चड्ढा के पास भी पहुंचा था.  सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने राघव चड्ढा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने महज री-ट्वीट करने पर मामला चलाए जाने को चुनौती दी थी.

आप नेता की तरफ से पेश वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि मामले से एक संवैधानिक सवाल खड़ा होता है कि क्या आइटी एक्ट के तहत आने वाले अपराध पर मजिस्ट्रेट की अदालत ट्रायल कर सकती है. भाजपा की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने याचिका को खारिज करने की अपील की थी. इससे पहले 25 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को रद कर दिया था. ट्रायल कोर्ट ने मानहानि के मामले में राघव को समन दिया था.

गौरतलब है कि डीडीसीए (दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन) के अध्यक्ष रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ बयानबाजी करने पर केजरीवाल, राघव समेत संजय सिंह, कुमार विश्वास, आशुतोष व दीपक बाजपेयी को आरोपी बनाया गया है.