अमेरिका में पादरियों के बलात्कार का पर्दाफाश, हज़ारों बच्चों का यौन शोषण किया

धर्म अपने आप में बड़ी बीमारी है लेकिन सबको अपना धर्म अच्छा लगता है. ये रिपोर्ट अमेरिका की है और आंखें खोल देने वाली है. जैसे भारत में बाबाओं और साधुओं के कुकर्मों के किस्से सामने आते है वैसे ही अमेरिका में पादरियों की हकीकतें खुल रही हैं.

अमरीका में पेन्सिलवेनिया के सुप्रीम कोर्ट ने कैथोलिक चर्चों में यौन शोषण से जुड़ी ग्रैंड ज्यूरी ने एक रिपोर्ट जारी की है .  इस रिपोर्ट में तीन सौ से ज़्यादा पादरियों के नाम हैं. ज्यूरी ने अपनी जांच में पाया कि बीते 70 साल के दौरान राज्य के छह केंद्रों के पादरियों ने एक हज़ार से ज़्यादा बच्चों का शोषण किया.

अधिकारियों का कहना है कि जांच में ये भी सामने आया कि चर्चों ने पादरियों के गुनाहों पर सलीके से पर्दा डालने की कोशिश की. दुनिया भर की कैथोलिक चर्चों में यौन शोषण से जुड़ी जांच के क्रम में ये सबसे ताज़ा रिपोर्ट है.

ये रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई. इसमें बताया गया कि ज्यूरी ने 18 महीने तक जांच की, चर्च के अपने रिकॉर्ड के मुताबिक “एक हज़ार से ज़्यादा बच्चों की पहचान की जा सकती है. हम मानते हैं कि वास्तविक संख्या हज़ारों में है.”

जांच जारी है

ज्यूरी का कहना है कि मामलों पर पर्दा डाले जाने की वजह से ज़्यादातर मामलों में अभियोग नहीं चलाया जा सकता है. अधिकारियों का कहना है कि जांच जारी है और ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं.

रिपोर्ट में सैंकड़ों पादरियों के नाम हैं लेकिन कुछ नाम इस वजह से संशोधित कर दिए गए कि इससे उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा.

राज्य के अटॉर्नी जनरल जोश शापिरो ने कहा, “चर्च के अधिकारी शोषण को खेल, कुश्ती और अनुचित बर्ताव बताते हैं. ये उनमें से कुछ नहीं है. ये बच्चों का यौन शोषण है. इसमें बलात्कार भी शामिल है.”

रिपोर्ट में वाशिंगटन के आर्कबिशप कार्डिनल डोनल्ड वर्ल की भूमिका की भी आलोचना की गई है. हालांकि उन्होंने एक बयान जारी कर ख़ुद का बचाव किया है.

पेन्सिलवेनिया की ज्यूरी का गठन साल 2016 में किया गया था. इसने दर्जनों लोगों की गवाही ली और पांच लाख से ज़्यादा आंतरिक दस्तावेजों का मुआयना किया. कई पीड़ितों का कहना है कि उन्हें ड्रग्स दी गई थी या बहलाया फुसलाया गया था.

पेन्सिलवेनिया में तीस लाख से ज्यादा कैथोलिक रहते हैं.

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