आज ही खबर आई थी कि कैसे रेल मंत्री चार्टर्ड विमान में यात्रा करके देश के पैसे को गैर कानूनी ढंग से अंधाधुंध फूंक रहे हैं और आज ही ये खबर आ गई. रेलवे अब दुर्घटनाओं में दिए जाने वाले मुआवजे से भी हाथ खींचने की तैयार कर रही है.
पहले रेलवे ने दुर्घटना बीमा बेहद सस्ते दामों पर देने का वादा करके यात्रियों को बीमा के जाल में फंसाया अब ये बीमा अनिवार्य होगा वो भी सरकार अपने पैसे से नहीं देगी बल्कि आपके टिकट में उसका दाम जोड़ दिया जाएगा. अब अगर दुर्घटना होती है तो रेल्वे मुआवजा नहीं देगी बल्कि बीमा कंपनी से पैसा मिलेगा.
इस पर भी बड़ी बात ये कि रेल्वे ने बीमा कंपनी को करोड़ों का बिजनेस दे दिया. जाहिर बात है ये ऐसे ही नहीं किया गया होगा..
रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेल खान-पान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने एक सितंबर से मुफ्त यात्रा बीमा की सुविधा बंद करने का फैसला किया है और बीमा का प्रावधान वैकल्पिक होगा.
यात्रियों को वेबसाइट या मोबाइल से टिकट बुक करते समय दो विकल्पों में से एक का चयन करना होगा, जिसमें एक में विकल्प चयन का होगा और दूसरा छोड़ने का होगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन देने के लिए आईआरसीटीसी ने रेलयात्रियों के लिए दिसंबर 2017 में मुफ्त यात्रा बीमा शुरू की थी. रेलवे ने इससे पहले डेबिट कार्ड से भुगतान पर बुकिंग प्रभार भी माफ कर दिया था.
आईआरसीटीसी द्वारा प्रदत्त बीमा के तहत यात्रा के दौरान दुर्घटना में यात्री की मौत होने की स्थिति में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की बीमा का प्रावधान किया गया था. वहीं, यात्रा के दौरान दुर्घटना में अपाहिज होने पर 7.5 लाख रुपये और घायल होने पर दो लाख रुपये और शव के परिवहन के लिए 10,000 रुपये का प्रावधान किया गया था. यात्रा बीमा शुल्क के संबंध में अगले कुछ दिनों में आदेश आने की संभावना है. लेकिन कितना शुल्क लगाया जाएगा, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है.
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